असदुद्दीन ओवैसी बोले- यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन, वक्फ बोर्ड को करेगा बर्बाद
हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन ‘लाइट बंद’ में भाग लिया। उन्होंने इसे संविधान विरोधी और वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की साजिश करार दिया।

विरोध का अनूठा तरीका: 15 मिनट की ‘लाइट बंद’ मुहिम
ओवैसी ने बताया कि इस शांतिपूर्ण विरोध का उद्देश्य केंद्र सरकार को यह संदेश देना था कि नया वक्फ कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों को छीनने की दिशा में एक खतरनाक कदम है। उन्होंने कहा,
“रात 9 से 9:15 बजे तक लोगों ने स्वेच्छा से घरों की लाइट बंद कर विरोध दर्ज कराया। यह आंदोलन सफल रहा। मैं सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करता हूं।”
‘संविधान का उल्लंघन करता है नया कानून’
ओवैसी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 15 (भेदभाव निषेध), 25 (धार्मिक स्वतंत्रता), 26 (धार्मिक संस्थाओं की स्वतंत्रता) और 29 (अल्पसंख्यकों की संस्कृति की सुरक्षा) का उल्लंघन करता है।
उन्होंने कहा कि यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों को राज्य के हस्तक्षेप के हवाले कर उन्हें खत्म कर देगा।
#WATCH | Hyderabad | AIMIM chief Asaduddin Owaisi says, "… This call by the AIMPLB has been successful…I thank all for this. This protest is being organised to give PM Modi's government a message that this Act will destroy the Waqf Board. The law that was made is… https://t.co/MJ8ogyK56M pic.twitter.com/iq4do3pBa9
— ANI (@ANI) April 30, 2025
आंदोलन जारी रहेगा, होगा मानव श्रृंखला और गोलमेज सम्मेलन
AIMPLB की निगरानी में चल रहे इस विरोध आंदोलन को और तेज किया जाएगा। ओवैसी ने घोषणा की कि आगामी दो सप्ताह में मानव श्रृंखला और गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
“जब तक नरेंद्र मोदी की सरकार यह कानून वापस नहीं लेती, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा,” – असदुद्दीन ओवैसी

आतंकवाद की निंदा, पीड़ित हिंदुओं के प्रति सहानुभूति
ओवैसी ने इसी अवसर पर पहलगाम आतंकी हमले की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने विशेषकर धर्म पूछकर की गई हत्याओं को अमानवीय बताते हुए कहा कि
“हिंदू पीड़ितों की हत्या से हम दुखी हैं। आतंकवाद किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।”