लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पुलिस हिरासत में युवक की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक रामचंद्र के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। इस घटनाक्रम के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया है। परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा जबरन अंतिम संस्कार करवाने की कोशिश करने पर परिजनों के साथ तीखी नोकझोंक हुई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी परिजनों से असंवेदनशील भाषा में बात करता दिख रहा है।
सीओ का वीडियो हुआ वायरल
वीडियो में क्षेत्राधिकारी (सीओ) द्वारा कहा गया, “ना मझगईं थाना सस्पेंड होगा, ना निघासन थाना सस्पेंड होगा, ना कोई मुआवजा देंगे, जितने दिन रखना है रख लो डेड बॉडी को घर पर, चार दिन-पांच दिन.. जितने दिन मन हो।” इस बयान ने पीड़ित परिवार और आम जनता के आक्रोश को और भड़का दिया है।
'ना कोई सस्पेंड होगा, ना मुआवजा मिलेगा, डेड बॉडी लेकर बैठे रहो'
— Vinay Saxena (@vinaysaxenaj) January 8, 2025
लखीमपुर में युवक की मौत पर बवाल, शव लेकर बैठे परिजनों को सीओ ने हड़काया#LakhimpurKheri pic.twitter.com/ELqniIIrla
मृतक के परिजनों का दर्द
मृतक रामचंद्र (36), पुत्र लालता प्रसाद, कोतवाली मझगईं का निवासी था। वह जलौनी लकड़ी लेने के लिए जंगल गया था और फिर घर नहीं लौटा। पत्नी पूनम देवी ने शाम तक उसकी तलाश की। खोजबीन में पता चला कि मझगईं पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है। जब परिजन उससे मिलने पहुंचे, तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया। काफी देर बाद उन्हें उसके शव के निघासन सीएचसी में पड़े होने की सूचना मिली।
हिरासत में पिटाई का आरोप
रामचंद्र के भाई दिनेश ने बताया कि रामचंद्र को पुलिस ने शराब का कारोबारी बताते हुए हिरासत में लिया और बेरहमी से पीटा। आरोप है कि पुलिस उसे अस्पताल में छोड़कर फरार हो गई। मृतक के साथ लकड़ी लेने गए मुनेश और सुरेश मोहन ने बताया कि पुलिस ने रामचंद्र के दोनों हाथ पकड़ लिए और दरोगा ने निर्दयता से पिटाई शुरू कर दी। रामचंद्र ने कई बार रहम की भीख मांगी, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी।
परिजनों के साथ बर्बरता
सीएचसी के बाहर विलाप करते परिजनों को सांत्वना देने के बजाय महिला पुलिस ने उन्हें घसीटा और मृतक की पत्नी पूनम को थप्पड़ मारने का आरोप है। शव को जबरन एंबुलेंस में डालने के दौरान पूनम और कांती को बलपूर्वक अलग किया गया। परिजन चीखते-चिल्लाते रहे लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी।