उज्जैन, मध्य प्रदेश: सनातन संस्कृति और धर्म रक्षा के संकल्प के साथ मंगलवार को चमन कुटी आश्रम, चिंतामन-जवासिया में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा एवं गुरुदत्त महाराज की कृपा से आयोजित लक्ष्मीनारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति भव्य वैदिक अनुष्ठानों के साथ सम्पन्न हुई। यह महायज्ञ महंत पुरुषोत्तम पुरी महाराज के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ, जिसमें देशभर से प्रमुख अखाड़ों के संत, महंत, साधु-संतों तथा हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

धर्म, राष्ट्र और अखंडता की प्रार्थना के साथ सम्पन्न हुआ यज्ञ
इस महायज्ञ की पूर्णाहुति वैदिक विधि-विधानानुसार आचार्य पं. शास्वत शास्त्री द्वारा संपन्न कराई गई। आयोजन में विशेष रूप से मंगलनाथ मंदिर उज्जैन के महंत ओम भारती की उपस्थिति रही, जिनका आशीर्वचन उपस्थित श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ।
महंत मोहिनानंद गिरि महाराज ने आयोजन की उद्देश्यपरक जानकारी देते हुए बताया कि यह महायज्ञ सनातन हिंदू धर्म की अखंडता, अमरता, विश्व शांति, भारत राष्ट्र की रक्षा और सीधे-सादे हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए आयोजित किया गया। उन्होंने कहा—
“हमने महाकाल बाबा और लक्ष्मीनारायण भगवान से प्रार्थना की है कि भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वैश्विक शक्ति बने।”

जनसहभागिता और भक्ति भाव से भरा वातावरण
इस आयोजन में शहरवासियों व समीपवर्ती ग्रामवासियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया और प्रसाद ग्रहण किया। पूरे परिसर में भक्ति, अनुशासन और दिव्यता का वातावरण बना रहा। यज्ञ मंडप में वेदपाठ, हवन और यज्ञशाला से निकलता धुआं वातावरण को शुद्ध कर रहा था, वहीं संतों का सान्निध्य श्रद्धालुओं को आत्मिक ऊर्जा प्रदान कर रहा था।