Thursday, June 5, 2025
Homeविदेशरूस पर बढ़ते अमेरिकी दबाव के बीच युद्ध और तेज, यूक्रेन के...

रूस पर बढ़ते अमेरिकी दबाव के बीच युद्ध और तेज, यूक्रेन के पलटवार से परमाणु संघर्ष का खतरा बढ़ा, रूस-यूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी नेताओं की गंभीर चेतावनी, प्रतिबंधों से वैश्विक टकराव की आशंका

मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध एक नए और अधिक खतरनाक मोड़ की ओर बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका द्वारा युद्धविराम के लिए दबाव बनाए जाने के बीच रूस का प्रयास है कि वह यूक्रेन की अधिक से अधिक जमीन पर कब्जा कर ले, ताकि संभावित शांति वार्ता के दौरान उसे सौदेबाजी में लाभ मिल सके। इसी रणनीति के तहत रूस बीते तीन सप्ताहों में यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमले करता रहा है।

हालांकि रविवार को यूक्रेन की ओर से किए गए जवाबी हमले ने रूस की रणनीति को गहरा झटका दिया है। यूक्रेनी हमले में रूस के पांच वायुसेना अड्डे क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें बेलाया एयरबेस पर खड़ा 40 से अधिक बमवर्षक विमानों का बेड़ा भी शामिल था। यह हमला रूस के लिए एक बड़ी सामरिक क्षति है, क्योंकि ये विमान परमाणु हमले में सक्षम थे। विश्लेषकों का मानना है कि यह संघर्ष अब ‘रेडलाइन’ के बेहद करीब पहुंच चुका है।

इसके साथ ही यूक्रेनी हमलों का संकेत रूस के एक बड़े नौसैनिक अड्डे की ओर भी है, जहां परमाणु पनडुब्बियों का बेस मौजूद है। यह परिदृश्य युद्ध को एक अत्यंत गंभीर स्थिति में ले जा सकता है, जहां रूस के परमाणु विकल्प पर विचार की आशंका बढ़ जाती है।

रविवार को पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलने पहुंचे अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम और रिचर्ड ब्लूमेंथाल ने इन हालात पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों भी यूक्रेन में भयंकर हमले और युद्ध के और अधिक उग्र होने की आशंका से सहमत हैं। पेरिस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद सीनेटरों ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि आने वाले समय में हालात और गंभीर हो सकते हैं।

यूक्रेन के हालिया हमलों से रूस की सैन्य प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंची है। विश्लेषकों का कहना है कि यदि यूक्रेन ऐसे दुस्साहसी हमले दोहराता है, तो रूस की ओर से जवाब में ‘बड़े हमले’ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता, जिसमें परमाणु हथियारों का प्रयोग भी शामिल हो सकता है।

वहीं अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंध भी स्थिति को और तनावपूर्ण बना रहे हैं। यूरोपीय संघ और ब्रिटेन पहले ही रूस पर प्रतिबंध लगा चुके हैं, और यदि अमेरिका भी इसी दिशा में कदम बढ़ाता है तो रूस की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है। सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली है उससे संकेत मिलता है कि पुतिन अब बड़े युद्ध की तैयारी में हैं, जो केवल रूस के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए संकटपूर्ण हो सकता है।

सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथाल ने कहा कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंध रूस की अर्थव्यवस्था को गंभीर चोट पहुंचा सकते हैं, जिससे उसकी सैन्य ताकत कमजोर हो सकती है। वहीं ग्राहम ने यह भी जोड़ा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में इतना कठोर विधेयक कभी नहीं देखा।

इस संदर्भ में अमेरिका ने एक नया विधेयक तैयार किया है जिसके अंतर्गत रूस से पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद करने वाले देशों पर प्रतिबंध या 500 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। इस विधेयक का अमेरिका की संसद में व्यापक समर्थन है। यदि यह विधेयक पारित होता है तो भारत और चीन जैसे देश भी इसके दायरे में आ सकते हैं, जिससे न केवल रूस की आमदनी प्रभावित होगी, बल्कि वैश्विक व्यापार प्रणाली पर भी असर पड़ेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि रूस पर आर्थिक और कूटनीतिक दबाव के ये प्रयास युद्ध की दिशा को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर तनाव और अनिश्चितता भी बढ़ सकती है।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!