कीव, यूक्रेन: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच शनिवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दवा कंपनी कुसुम फार्मा के गोदाम पर रूसी ड्रोन द्वारा किए गए हमले ने एक नया राजनयिक विवाद खड़ा कर दिया है। यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास और ब्रिटेन के राजदूत दोनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
यूक्रेन में भारत के दूतावास ने एक आधिकारिक बयान में आरोप लगाया कि रूस जानबूझकर यूक्रेन में स्थित भारतीय व्यवसायों को निशाना बना रहा है। दूतावास ने कहा—
“आज, रूसी मिसाइल ने यूक्रेन में भारतीय दवा कंपनी कुसुम के गोदाम पर हमला किया। भारत का स्पेशल दोस्त होने का दावा करने वाला मास्को अब बच्चों और बुजुर्गों के लिए जरूरी दवाओं को नष्ट कर रहा है।”
हालांकि, कुछ सूत्रों के अनुसार यह हमला मिसाइल से नहीं, बल्कि रूसी ड्रोन के माध्यम से किया गया।

ध्वस्त हुआ कुसुम फार्मा का गोदाम: बच्चों और बुजुर्गों की दवाएं राख में बदलीं
भारतीय उद्योगपति राजीव गुप्ता के स्वामित्व वाली कुसुम फार्मा यूक्रेन की सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक मानी जाती है। एनडीटीवी को मिले सूत्रों के अनुसार, यह कंपनी यूक्रेन में आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यूक्रेन में ब्रिटेन के राजदूत मार्टिन हैरिस ने भी इस हमले की पुष्टि की और अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा:
“आज सुबह रूसी ड्रोन ने कीव में एक प्रमुख दवा गोदाम को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिसमें बच्चों और बुजुर्गों के लिए जरूरी दवाओं का भंडार मौजूद था। यह रूस के यूक्रेनी नागरिकों के खिलाफ चल रहे आतंक अभियान का हिस्सा है।”
उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें आग की लपटों और धुएं में लिपटा एक गोदाम दिखाई दे रहा है। घटनास्थल पर दमकल की गाड़ियों को भी देखा गया।
रूस-यूक्रेन संघर्ष और भारत की स्थिति
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब रूस और यूक्रेन ने हाल ही में एक-दूसरे की ऊर्जा संरचनाओं पर हमले नहीं करने पर सहमति जताई थी। हालांकि दोनों पक्ष लगातार एक-दूसरे पर इस समझौते के उल्लंघन के आरोप लगाते रहे हैं।
आज सुबह रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी दावा किया कि यूक्रेन ने रूसी ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर पांच ड्रोन हमले किए हैं, जो अमेरिका द्वारा मध्यस्थता में तय किए गए युद्धविराम नियमों का उल्लंघन है।

भारत ने हमेशा दोनों देशों से शांति की अपील की है और किसी का खुला समर्थन नहीं किया है। हालांकि, फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से बड़े पैमाने पर सस्ता कच्चा तेल खरीदा है।
🔹 फरवरी 2025 में भारत ने रूस से 1.48 मिलियन बैरल प्रतिदिन (BPD) कच्चा तेल आयात किया था, जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 1.67 मिलियन BPD रहा।
🔹 रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।