Thursday, November 21, 2024
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राहुल गांधी के लेख पर बवाल, शाही परिवार के नेताओं ने जताई कड़ी आपत्ति

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक लेख ने राजनीतिक गलियारों में भारी विवाद खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी ने एक मीडिया संस्थान के लिए लिखे लेख में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का उल्लेख करते हुए कहा कि भले ही कंपनी अब खत्म हो चुकी है, लेकिन उसने जो डर पैदा किया था, उसकी झलक आज भी दिखाई देती है। उनके इस बयान पर बीजेपी के कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्हें भारत के इतिहास के प्रति असम्मानजनक बताकर निशाना साधा गया है।

राज परिवारों को बदनाम कर रहे हैं राहुल गांधी – दिया कुमारी

राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने राहुल गांधी के इस लेख की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व राजपरिवारों के प्रति उनका दृष्टिकोण इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का प्रयास है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के प्रयासों की कड़ी निंदा करती हूं। एकीकृत भारत का सपना पूर्व राजपरिवारों के सर्वोच्च बलिदान से ही संभव हो सका। उनके आरोप निराधार हैं और पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।”

“यह लेख राहुल की अज्ञानता दर्शाता है” – ज्योतिरादित्य सिंधिया

बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी के लेख को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा कि “राहुल गांधी को भारतीय गौरव और इतिहास पर भाषण देने का कोई अधिकार नहीं है।” उन्होंने राहुल गांधी की औपनिवेशिक मानसिकता की भी आलोचना की और कहा, “अगर आप भारत के उत्थान का दावा करते हैं, तो सच्चे भारतीय नायकों जैसे महादजी सिंधिया, रानी वेलु नचियार के बलिदानों को समझें।”

सिंधिया ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “आपकी असंगति कांग्रेस के एजेंडे को और उजागर करती है। भारत की विरासत सिर्फ गांधी शीर्षक से शुरू या खत्म नहीं होती।”

नाथद्वार से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ का बयान

राजस्थान के नाथद्वार से बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने भी राहुल गांधी के लेख की निंदा करते हुए इसे “अज्ञानता” या “जानबूझकर गलतबयानी” करार दिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि वे किन राजा-महाराजाओं का जिक्र कर रहे हैं, जिन्होंने रिश्वत ली थी। अन्यथा, उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।”

मैसूर से सांसद यदुवीर वाडियार ने की आलोचना

बीजेपी के मैसूर सांसद यदुवीर वाडियार ने भी राहुल गांधी के लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “राहुल गांधी को इतिहास के ज्ञान की कमी है। उनका लेख इस बात का प्रमाण है कि वे पूर्व रियासतों द्वारा भारतीय विरासत के संरक्षण में किए गए योगदान को समझने में असमर्थ हैं।”

शाही परिवारों का कहना: अस्मिता पर आक्षेप बर्दाश्त नहीं

शाही परिवार के नेताओं का कहना है कि भारतीय गौरवशाली अतीत को तोड़-मरोड़कर पेश करना अस्वीकार्य है। उन्होंने राहुल गांधी से सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण की मांग की है। उनका मानना है कि पूर्व शाही परिवारों ने अपने आत्म-सम्मान और देश की अस्मिता से कभी समझौता नहीं किया था, और ऐसे बयानों से उनके बलिदानों का अपमान होता है।

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