चिड़ावा: न्यायालय परिसर में 21 दिसंबर 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने न्यायिक इतिहास में एक प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत किया। आपसी सहमति और राजीनामे के माध्यम से बड़ी संख्या में मामलों का त्वरित समाधान हुआ, जिससे न केवल न्याय प्रक्रिया में तेजी आई बल्कि आमजन को आर्थिक और मानसिक राहत भी मिली। इस लोक अदालत में दीवानी, बैंक, चेक अनादरण और विद्युत विभाग से जुड़े मामलों का सफल निस्तारण किया गया।
अपर जिला एवं सेशन न्यायालय में हुए व्यापक निस्तारण
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान उनके न्यायालय में कुल 69 प्रकरणों का निस्तारण आपसी समझौते के आधार पर किया गया। क्लेम प्रकरणों में 16 लाख 65 हजार रुपये की राशि के अवॉर्ड पारित किए गए, जबकि दीवानी मामलों में 25 लाख 36 हजार 487 रुपये के अवॉर्ड जारी हुए। इसके साथ ही विभिन्न बैंकों से संबंधित 18 मामलों में राजीनामा हुआ।
विद्युत विभाग और वीसीआर के 87 प्रकरणों का समाधान
लोक अदालत में विद्युत विभाग से जुड़े बकाया बिल और वीसीआर के 87 प्रकरणों का भी निस्तारण किया गया। इन सभी मामलों को मिलाकर कुल 23 लाख 54 हजार 910 रुपये की राशि के अवॉर्ड पारित हुए, जिससे उपभोक्ताओं और विभाग दोनों को राहत मिली।
चेक अनादरण और मजिस्ट्रेट न्यायालय के 44 मामले भी निपटे
सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में 44 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिनमें चेक बाउंस से जुड़े मामलों की कुल राशि 45 लाख रुपये रही। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में 38 मामलों का समाधान हुआ, जिनमें चेक अनादरण प्रकरणों में 27 लाख 9 हजार 800 रुपये के अवॉर्ड पारित किए गए।
विधिक सेवा समिति, अधिवक्ताओं और अधिकारियों की सक्रिय भूमिका
इस राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन में तालुका विधिक सेवा समिति से बंटी कुमारी, करनी सिंह शेखावत और संदीप मीणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अधिवक्ता राकेश आर्य, रॉबिन शर्मा, रामगोपाल दाधीच, श्याम सुंदर माथुर, मनराज सिंह, संदीप गुर्जर, संजय गोयल, बनेश कुमारी, अजय चाहर, दिलीप, अनिल गोदारा और अमित ने भी सक्रिय सहयोग किया।
विधुत विभाग की ओर से चिड़ावा सहायक अभियंता निधि, अधिशासी अभियंता दुलीचंद बड़गुजर, सुल्ताना सहायक अभियंता माया लाल, एआरओ सुरेश कुमार प्रजापत और चनाना सहायक अभियंता नरेंद्र सैनी उपस्थित रहे। अधिवक्ताओं में विजय गुरावा, कपिल चाहर, शिश राम बोला, लोकेश शर्मा, राजेश भाटिया, दीपक स्वामी, भीमसिंह, खादिम हुसेन, गिरधारी लाल सोनी और निहाल सिंह सहित बड़ी संख्या में बैंक अधिकारी, कर्मचारी और पक्षकार मौजूद रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य और प्रभाव
राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण कर न्याय को सुलभ बनाना है। चिड़ावा में आयोजित इस लोक अदालत ने यह सिद्ध कर दिया कि आपसी सहमति और संवाद के माध्यम से न्याय प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और मानवीय बनाया जा सकता है।





