जयपुर, 12 मई 2025: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025 के उपलक्ष्य में राजस्थान में तीन दिवसीय तकनीकी नवाचार महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भारती राजस्थान, सीएसआईआर-सीरी पिलानी, बीआईटी मेसरा (जयपुर परिसर), डॉ. बी. लाल जैव प्रौद्योगिकी संस्थान और राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय जयपुर के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है। आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करना, नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना और उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाना है।

कार्यक्रम का उद्घाटन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार के सचिव वी. सर्वन कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में तकनीक के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना समय की आवश्यकता है। शिक्षण संस्थानों को आधुनिक तकनीकों से जुड़कर नई पीढ़ी को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा।
मुख्य मंच पर विज्ञान भारती राजस्थान के अध्यक्ष एल. एस. राठौर ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान और सामाजिक जागरूकता का समन्वय आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक प्रभावी कदम है।
विज्ञान भारती राजस्थान के सचिव मेघेन्द्र शर्मा ने कहा कि संगठन का उद्देश्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने यह भी बताया कि विज्ञान को भारतीय संस्कृति से जोड़कर शिक्षा को और अधिक प्रासंगिक तथा उपयोगी बनाया जा सकता है।
प्रथम दिन के आयोजन में जयपुर सहित विभिन्न जिलों के स्कूलों और कॉलेजों से आए 350 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यशालाओं में शिक्षकों को नवीन शिक्षण विधियों की जानकारी दी गई, जबकि इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन तकनीक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। स्कूली छात्रों के लिए जैव-पर्यावरणीय स्थायित्व पर प्रयोगात्मक सत्र आयोजित हुए। इन सभी सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों को उभरती तकनीकों से परिचित कराना और विज्ञान में रुचि जगाना था।

आयोजन के अगले दो दिन भी विविध गतिविधियों से परिपूर्ण रहेंगे। छात्रों के लिए सीएसआईआर-सीरी, जयपुर परिसर का भ्रमण और तकनीकी प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। समापन दिवस पर एक विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे।
मंच पर उपस्थित अन्य विशिष्ट अतिथियों में अपर्णा दत्ता, प्राचार्य, डॉ. बी. लाल जैव प्रौद्योगिकी संस्थान; राजेश कुमार, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल; संतोष शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, राजस्थान विश्वविद्यालय; विजय चटर्जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सीरी पिलानी; बलराम त्रिपाठी, प्रोफेसर, सुबोध कॉलेज; सुमित गुप्ता, प्रोफेसर, सेंट वुल्फ्रेड कॉलेज; राजीव अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, MNIT जयपुर; और ब्रजराज सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, मोदी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी शामिल रहे।
यह आयोजन न केवल तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि यह युवाओं में नवाचार और वैज्ञानिक चेतना को भी गहराई से विकसित कर रहा है, जो देश के तकनीकी भविष्य को मजबूत बनाएगा।