नई दिल्ली: स्पेन के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल ने अपने शानदार करियर पर पूर्णविराम लगाने की घोषणा की है। 22 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता नडाल ने कहा है कि वह अगले महीने मालागा में होने वाले डेविस कप फाइनल के बाद प्रोफेशनल टेनिस को अलविदा कह देंगे। इस खबर से न केवल टेनिस प्रेमियों बल्कि पूरे खेल जगत में एक युग के अंत की भावना उत्पन्न हो गई है।
संन्यास की घोषणा: नडाल का भावुक संदेश
राफेल नडाल ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से अपनी संन्यास की घोषणा की। उन्होंने कहा, “मैं यहां आपको यह बताने के लिए आया हूं कि मैं प्रोफेशनल टेनिस से संन्यास ले रहा हूं। पिछले कुछ साल मेरे लिए चुनौतीपूर्ण रहे हैं, खासकर पिछले दो साल।” नडाल ने यह भी स्वीकार किया कि उनके करियर का यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन शारीरिक और मानसिक चुनौतियों ने उन्हें इस निर्णय तक पहुंचाया।
टेनिस का सफर: 3 साल की उम्र में शुरुआत, 22 ग्रैंड स्लैम खिताब
राफेल नडाल का टेनिस सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। महज 3 साल की उम्र में टेनिस रैकेट हाथ में थामने वाले नडाल ने 8 साल की उम्र में अंडर-12 आयु वर्ग का खिताब जीता था। उनके इस अद्वितीय सफर का श्रेय उनके चाचा टोनी नडाल को भी जाता है, जो खुद एक जाने-माने फुटबॉल खिलाड़ी थे और जिन्होंने नडाल को टेनिस की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। नडाल ने अपने करियर के शुरुआती दौर में फुटबॉल भी खेला, लेकिन उनके चाचा की सलाह पर उन्होंने टेनिस को ही अपना करियर बनाया।
ग्रैंड स्लैम का राजा: नडाल के शानदार रिकॉर्ड
नडाल ने अपने टेनिस करियर में कुल 22 ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किए हैं, जो उन्हें टेनिस इतिहास के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक बनाता है। इनमें से 14 खिताब सिर्फ फ्रेंच ओपन के हैं, जो एक रिकॉर्ड है। इस उपलब्धि को टेनिस के इतिहास में एक अद्वितीय और महानतम उपलब्धियों में से एक माना जाता है। उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी रोजर फेडरर ने नडाल की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए इसे “खेल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक” करार दिया था।
करियर गोल्डन स्लैम: एक और अद्वितीय उपलब्धि
नडाल के नाम पर एक और अनोखा रिकॉर्ड है—वह उन तीन खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने सिंगल्स में करियर गोल्डन स्लैम पूरा किया है। उन्होंने 2010 में यह अद्वितीय उपलब्धि हासिल की थी, जब उन्होंने सभी चार ग्रैंड स्लैम खिताब और ओलंपिक गोल्ड मेडल अपने नाम किए। नडाल यह उपलब्धि पाने वाले ओपन एरा के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे, जो उनकी महानता को और भी अधिक दर्शाता है।