मंड्रेला: कस्बे के शीतला चौक स्थित प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर में राधा अष्टमी महोत्सव की शुरुआत शनिवार को भव्य रूप से हुई। राधा कृष्ण सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय महोत्सव ने पूरे कस्बे को भक्ति रंग में रंग दिया। पहले दिन गुवाहाटी से आए प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रकाश शास्त्री ने भक्तमाल कथा का महत्व सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
भक्तमाल कथा और सत्संग का महत्व
पंडित प्रकाश शास्त्री ने कहा कि भक्त और भगवान का रिश्ता प्रेम और समर्पण पर आधारित है। उन्होंने बताया कि सच्चे भक्त की तड़प भगवान को अपने पास खींच लेती है। सत्संग का महत्व बताते हुए कहा कि इससे मनुष्य का हृदय शुद्ध होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
संगीतमयी भजनों की मनमोहक प्रस्तुति
कथा के दौरान प्रस्तुत संगीतमयी भजनों—रूकमणी मंगल, राधा चरित्र महिमा और भक्ति रस से ओत-प्रोत रचनाओं—ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रद्धालु बार-बार “राधे राधे” के जयकारों से मंदिर परिसर गूंजाते रहे।

बनारस के पंडितों द्वारा गंगा आरती
पहले दिन का मुख्य आकर्षण बनारस से आए विद्वान पंडितों द्वारा की गई गंगा आरती रही। दीपों की अद्भुत छटा और मंत्रोच्चार ने वातावरण को अलौकिक बना दिया। श्रद्धालुओं ने आरती में शामिल होकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की।

कोलकाता की झांकियों ने खींचा ध्यान
महोत्सव में कोलकाता से आई आकर्षक झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। राधा-कृष्ण की बाल लीलाएं, रूकमणी विवाह और गोवर्धन लीला की भव्य सजावट सभी के लिए विशेष आकर्षण बनी। महिलाएं और बच्चे झांकियों के साथ तस्वीरें खिंचवाते नजर आए।