जयपुर, राजस्थान: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में बुजुर्गों और अन्य लाभार्थियों को पेंशन नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने झुंझुनूं जिले की एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि सरकार की नीतियों और क्रियान्वयन की कमी के कारण लाखों लाभार्थी पेंशन से वंचित हो रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है।
गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “कृपया अपने हक के लिए आवाज नहीं उठाएं, राजस्थान की भाजपा सरकार सो रही है, उनकी नींद खराब हो जाएगी।” उन्होंने झुंझुनूं में एक बुजुर्ग लाभार्थी को पेंशन नहीं मिलने की खबर साझा की और इस पर पुलिस की प्रतिक्रिया को अनुचित बताया।

न्यूनतम आय गारंटी कानून की याद दिलाई
पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लागू किए गए न्यूनतम आय गारंटी कानून का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने हर बुजुर्ग, दिव्यांग, और विधवा को हर महीने पेंशन देने का अधिकार सुनिश्चित किया था। उन्होंने कहा कि यह कानून सरकार को इन श्रेणियों के सभी पात्र व्यक्तियों को पेंशन देने के लिए बाध्य करता है।
पुलिस कार्रवाई की आलोचना
गहलोत ने झुंझुनूं में एक बुजुर्ग लाभार्थी के साथ हुई घटना की कड़ी निंदा की, जिसमें पेंशन न मिलने की शिकायत दर्ज करवाने पर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है, बल्कि सरकार की संवेदनहीनता को भी उजागर करता है।
“जहां पेंशन कानून का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी, वहां अपनी शिकायत दर्ज करवाने वाले बुजुर्ग को गिरफ्तार किया जा रहा है। यह निंदनीय है और इसका मकसद शिकायतकर्ताओं पर दबाव बनाना प्रतीत होता है,” गहलोत ने कहा।

लाखों लाभार्थी हो रहे हैं परेशान
गहलोत ने दावा किया कि राज्य में लाखों पेंशन लाभार्थियों को कई महीनों से पेंशन नहीं मिल रही है। उन्होंने सरकार पर प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही का आरोप लगाया और इसे गरीबों के अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन उन लाभार्थियों के लिए आजीविका का एकमात्र साधन है, और इसे प्राथमिकता के आधार पर नियमित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री से अपील
गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अपील की कि वह यह सुनिश्चित करें कि सभी पात्र लोगों को हर महीने समय पर पेंशन मिले। उन्होंने कहा कि यह सरकार की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है कि वह पेंशन वितरण प्रणाली को मजबूत और पारदर्शी बनाए।