जयपुर, राजस्थान: विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर लौटे विद्यार्थियों ने राजस्थान में एक वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप प्रक्रिया शुरू न होने पर नाराजगी जताई है। इसी को लेकर मंगलवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने राजस्थान मेडिकल काउंसिल के कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया और इंटर्नशिप प्रक्रिया शीघ्र शुरू कराने की मांग की।
विद्यार्थियों का कहना है कि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज ने 12 जनवरी को एफएमजी (फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट) परीक्षा आयोजित की थी और 19 जनवरी को परिणाम घोषित किया गया था। देश के कई राज्यों में परीक्षा परिणाम के कुछ ही समय बाद इंटर्नशिप प्रक्रिया आरंभ कर दी गई, लेकिन राजस्थान में अब तक कोई पहल नहीं हुई है।

विद्यार्थियों ने बताया कि हर साल राज्य में लगभग दो माह में इंटर्नशिप की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार चार महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रक्रिया की शुरुआत नहीं हुई है, जिससे वे असमंजस में हैं।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कुणाल निठारवाल ने कहा कि छात्रों में काफी रोष है क्योंकि उनकी पढ़ाई में अनावश्यक देरी हो रही है। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की।
प्रदर्शन के बाद रजिस्ट्रार गिरधर गोपाल गोयल ने प्रतिनिधि मंडल से बातचीत की। बैठक में छात्रों की मांगों को ध्यानपूर्वक सुना गया। कुणाल निठारवाल ने बताया कि रजिस्ट्रार ने उनकी बातों को जायज़ माना और आश्वासन दिया कि इंटर्नशिप प्रक्रिया को जल्द शुरू करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

विद्यार्थियों ने चेताया कि यदि शीघ्र कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वे आंदोलन को और व्यापक रूप देंगे।
छात्रों की इस मांग पर चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, प्रदर्शन और रजिस्ट्रार के आश्वासन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही प्रक्रिया आरंभ की जा सकती है।
विद्यार्थियों ने राज्य सरकार से अपील की है कि अन्य राज्यों की तर्ज पर राजस्थान में भी एफएमजी इंटर्नशिप प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाए ताकि उनका शैक्षणिक और व्यावसायिक समय व्यर्थ न हो।