जयपुर, 18 जून: अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के प्रभाव से गुजरात सीमा पर अटका मानसून अब गति पकड़ चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून राजस्थान की दहलीज पर है और बुधवार या गुरुवार तक राज्य में प्रवेश कर सकता है। मानसून के आगमन से पूर्व ही प्री-मानसून की तेज बारिश ने प्रदेश के कई जिलों में प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है।
राजस्थान के 28 जिलों में बुधवार को बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है। वहीं मंगलवार को पूर्वी राजस्थान में तेज बारिश और आंधी से जनजीवन प्रभावित हुआ। भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान की मृत्यु हो गई, जबकि डीग क्षेत्र में बिजली गिरने से आठ वर्षीय एक बालक की मौत हो गई और उसका साथी गंभीर रूप से झुलस गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसी तरह करौली जिले के नादौती उपखंड के धौलेटा गांव में मंगलवार तड़के करीब चार बजे आई तेज आंधी के चलते 11 केवी हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर सिंगल फेस घरेलू लाइन पर गिर गया। इसके चलते कई मकानों में अत्यधिक वोल्टेज का करंट दौड़ गया। उस दौरान लोहे के पलंग पर सो रहे सात लोग करंट की चपेट में आ गए, जिनमें चार की स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है।
राजधानी जयपुर में मंगलवार शाम तक 37 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई। शहर के मालवीय नगर सेक्टर-9 स्थित गिरधर मार्ग पर राजस्थान हाउसिंग बोर्ड कार्यालय के सामने सड़क का एक हिस्सा जलभराव के कारण धंस गया। स्थानीय निवासियों के अनुसार, नाले की दीवार तोड़कर कचरा फेंकने और लगातार पानी भरने से सड़क के नीचे की मिट्टी बह गई, जिससे सड़क की मजबूती कम हो गई है और अब कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।
राजस्थान के पूर्वी जिलों में मंगलवार को अच्छी बारिश दर्ज की गई। अलवर, सीकर, झुंझुनूं और चूरू में 10 से 60 मिमी तक बारिश होने से किसानों को खरीफ की बुआई के लिए राहत मिली है। मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटे में चूरू, सीकर, झुंझुनूं, जयपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, टोंक, सवाई माधोपुर और अजमेर सहित अधिकांश पूर्वी जिलों में एक से तीन इंच तक वर्षा दर्ज की गई है।
यदि मौजूदा मौसम प्रणाली इसी तरह सक्रिय बनी रही तो अगले दो से तीन दिनों तक राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इससे जहां किसानों को फायदा मिलेगा, वहीं प्रशासन को सतर्कता बनाए रखने की जरूरत होगी, ताकि वर्षा जनित दुर्घटनाओं से जनहानि को रोका जा सके।