जयपुर: राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में एसओजी की जांच जारी है। इस जांच में पेपर लीक से जुड़ी कई परतें उधड़ रही हैं। इसके बाद राजस्थान के और भी कई थानेदार एसओजी की एसआईटी के रडार पर आ गए हैं। वहीं एसआई भर्ती परीक्षा 2014 बैच के थानेदार जगदीश सिहाग के परीक्षा में नकल कर पास होने के खुलासे और उसकी गिरफ्तारी के बाद यह भर्ती परीक्षा भी एसओजी के जांच के दायरे में आ गई है। अब आरपीएससी ने भी 300 से ज्यादा संदिग्ध थानेदारों की सूची पुलिस मुख्यालय को भेजी है।
मामले की शुरुआत
दरअसल करीब एक महीने पहले ट्रेनी सब इंस्पेक्टर डालूराम मीणा की गिरफ्तारी के बाद एसओजी की एसआईटी को एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक होने और डमी कैंडिडेट बैठाकर चयन कराने के अहम सुराग मिले थे।
गिरफ्तारियां
इसके बाद एसओजी ने पेपर लीक माफिया जगदीश बिश्नोई को गिरफ्तार किया। गैंग में शामिल हर्षवर्धन मीणा और राजेंद्र यादव पकड़ा गया। राजेंद्र यादव खुद पेपर नकल कर एसआई भर्ती में चयनित हुआ था। हर्षवर्धन की पत्नी के भी एसआई भर्ती में पेपर नकल करने का खुलासा हुआ। वहीं एसआई भर्ती 2021 का पेपर लीक करवाने में सहयोगी बने मुख्य किरदारों में लाइब्रेरियन शिवरतन मोट और रवींद्र बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल के परीक्षा केंद्र अधीक्षक राजेश खंडेलवाल की गिरफ्तारी और फरार हो चुके यूनिक भांभू का नाम सामने आया।
जांच
एसआई भर्ती पेपर लीक प्रकरण में मजबूत साक्ष्य जुटाने के लिए एसओजी इन दिनों एफएसएल की मदद ले रही है। इसके लिए एफएसएल की स्पेशल टीम का गठन किया गया है। उनके अधिकारी रोजाना एसओजी मुख्यालय पहुंचकर दस्तावेजों की जांच में जुटे हुए हैं।
आरपीएससी की भूमिका
वहीं, अब आरपीएससी ने भी 300 से ज्यादा संदिग्ध थानेदारों की सूची पुलिस मुख्यालय से शेयर की है। जानकारी में यह भी सामने आया है कि पीएचक्यू में कार्मिक और भर्ती शाखा भी संदिग्ध थानेदारों की आरपीए के सहयोग से छंटनी कर एसओजी को नाम भेज चुका है।
आगे की योजना
एसआईटी विंग उन सभी ट्रेनी एसआई के इंटरव्यू लेने वाले पैनल बोर्ड में शामिल नामों की जानकारी जुटा रही है। सभी तथ्य और सबूत जुटाने के बाद आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारी देखने को मिलेगी।