डूंगरपुर, राजस्थान: राजस्थान के डूंगरपुर जिले के साबला क्षेत्र में एक दो महीने के बच्चे में HMPV (ह्यूमन मेटाप्नीमोवायरस) वायरस की पुष्टि हुई है। इस वायरस के लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते-जुलते हैं, लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। यह वायरस भारत में अब तक का तीसरा मामला है, इसके पहले कर्नाटक में भी इसी वायरस के दो मामले सामने आ चुके थे।
कैसे हुआ वायरस का पता?
यह बच्चा खुमानपुरा गांव का रहने वाला है। उसे सर्दी, खांसी और तेज बुखार के लक्षण दिखाई देने के बाद उपचार के लिए अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों द्वारा की गई जांच में यह वायरस पाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि यह बच्चा समय से पहले (प्री-मैच्योर) जन्मा था, जिससे उसके फेफड़ों का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाया था। कमजोर इम्यूनिटी के कारण, वह श्वसन और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहा था।
अहमदाबाद के अस्पताल में इलाज
अहमदाबाद के ऑरेंज हॉस्पिटल में भर्ती इस बच्चे की स्थिति गंभीर थी और शुरू में उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि, समय पर उपचार मिलने के कारण बच्चे की स्थिति में सुधार हुआ और अब उसे सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय रहते उपचार नहीं मिलता, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती थी।
HMPV वायरस के लक्षण
HMPV वायरस का संक्रमण कोविड-19 जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। इसमें सर्दी, खांसी, बुखार, और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। हालांकि, यह वायरस आमतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करता है, खासकर 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका असर अधिक देखा जा रहा है।
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क्या भारत में इस वायरस को लेकर कोई असामान्य स्थिति है?
केंद्र सरकार ने हाल ही में इस वायरस के बारे में जानकारी दी थी कि चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बावजूद भारत में इस वायरस को लेकर कोई असामान्य स्थिति नहीं है। इसके बावजूद, सरकार इस वायरस की निगरानी बढ़ाने के प्रयास कर रही है और समय-समय पर स्थिति का मूल्यांकन भी कर रही है।
क्या घबराने की जरूरत है?
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि HMPV वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह सामान्य फ्लू के समान है। हालांकि, कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चों और बुजुर्गों में इसकी गंभीरता बढ़ सकती है। सरकार और चिकित्सा संस्थान स्थिति पर पूरी निगरानी रख रहे हैं और फ्लू जैसी बीमारियों के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली मौजूद है।