जयपुर, राजस्थान: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर गरमाहट देखने को मिल रही है। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बड़ा हमला करते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को तीन साल की सजा सुनाए जाने के बावजूद अब तक उनकी विधानसभा सदस्यता को अयोग्य घोषित नहीं किया गया है।

राज्यपाल से कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
सोमवार, 19 मई को विपक्ष के नेता टीकाराम जूली और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल कलराज मिश्र से मिला और मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। कांग्रेस का आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष संविधान की भावना के विपरीत भाजपा और संघ के इशारे पर काम कर रहे हैं।
“देश में दो नहीं, एक कानून होना चाहिए” – टीकाराम जूली
मीडिया से बातचीत करते हुए टीकाराम जूली ने कहा,
“राहुल गांधी को जब सजा हुई, तो उनकी लोकसभा सदस्यता 24 घंटे में रद्द कर दी गई थी। लेकिन कंवरलाल मीणा को सजा हुए 19 दिन हो चुके हैं, फिर भी विधानसभा अध्यक्ष ने कोई फैसला नहीं लिया।”
टीकाराम जूली ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कंवरलाल को कोई राहत नहीं दी है, बावजूद इसके विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कोर्ट के आदेश के बावजूद आज 19 दिन हो गए, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने आपराधिक मामले में दोषी भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता निरस्त नहीं की।
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) May 19, 2025
संविधान को कमजोर किया जा रहा है, विधानसभा अध्यक्ष को बार-बार पत्र लिख चुके हैं लेकिन फिर भी दोषी को बचा रहे हैं। : @TikaRamJullyINC जी pic.twitter.com/PttnUA8TuO
“स्पीकर बीजेपी और संघ के एजेंडे पर काम कर रहे हैं” – गोविंद सिंह डोटासरा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष की निष्क्रियता संदेहास्पद है। उन्होंने कहा,
“सरकार कंवरलाल मीणा की रिहाई के लिए रास्ते तलाश रही है। उन्हें अभी भी पुलिस सुरक्षा दी जा रही है, जबकि उन पर लोकसेवकों पर हमले समेत 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं।”
डोटासरा ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आत्मसमर्पण के लिए दी गई दो सप्ताह की समयसीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन फिर भी कोई गिरफ्तारी या अयोग्यता की प्रक्रिया नहीं शुरू हुई है।
विधानसभा अध्यक्ष और राज्यपाल की भूमिका सवालों के घेरे में
कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से संकेत दिए हैं कि यदि इस मामले में शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो पार्टी सार्वजनिक रूप से अगला कदम उठाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह मुद्दा सड़कों से लेकर अदालत तक ले जाया जा सकता है।

इस पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह देखना अब अहम होगा कि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी इस संवेदनशील विषय पर क्या रुख अपनाते हैं और राज्यपाल इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करते हैं।
क्या है कंवरलाल मीणा मामला?
बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को हाल ही में एक मामले में तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। नियमों के अनुसार, दो साल से अधिक की सजा मिलने पर किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द की जा सकती है।
लेकिन अब तक न तो राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कोई अधिसूचना जारी हुई है और न ही विधानसभा सचिवालय ने इस विषय पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी है।