रूस-यूक्रेन: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध अब और अधिक उग्र होता जा रहा है। सोमवार रात को यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को में अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला कर सनसनी फैला दी। यूक्रेनी सेना ने कुल 76 ड्रोन मॉस्को की ओर दागे, जिनकी वजह से राजधानी के कई इलाके धमाकों से गूंज उठे। इससे राजधानी के चारों प्रमुख एयरपोर्ट – शेरेमेतयेवो, वनुकोवो, डोमोदेदोवो और झुकोव्स्की पर सुरक्षा कारणों के चलते उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। मंगलवार सुबह तक एयर ट्रैफिक बहाल नहीं हो पाया था।
मॉस्को की हवाई सेवाएं बंद, लोगों में दहशत
रूसी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (Rosaviatsiya) ने पुष्टि की कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी चारों हवाई अड्डों पर अस्थायी रूप से उड़ानों पर रोक लगाई गई है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि मॉस्को पर यूक्रेन के इस पैमाने पर पहले कभी हमला नहीं हुआ था।

हालांकि, अब तक इस हमले में हुए सटीक नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई जगहों पर इमारतों और वाहनों को नुकसान की सूचना मिली है। कई नागरिकों ने सोशल मीडिया पर विस्फोटों के वीडियो साझा किए हैं, जिनमें आग और धुएं के गुबार स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं।
रूस का जवाबी हमला – कीव में मिसाइलों की बारिश
यूक्रेन के इस हमले से पहले सोमवार रात रूस ने कीव पर जबरदस्त मिसाइल हमला किया था। यूक्रेनी वायुसेना के मुताबिक, रूस ने क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ 479 ड्रोन भी दागे। यूक्रेनी वायुसेना का दावा है कि उन्होंने इनमें से 460 ड्रोन मार गिराए, जिससे बड़ा नुकसान टल गया।
यूक्रेन की चेतावनी: रूस को याद रहेगा ये जवाब
यूक्रेन की पश्चिमी रिवन रीजन के प्रमुख ओलेक्जेंडर कोवल ने एक बयान में कहा,
“यह एक कयामत की रात थी, लेकिन रूस हमारे जवाबी हमले को लंबे समय तक याद रखेगा।”
उधर, रूसी सेना ने दावा किया है कि वो यूक्रेन के दक्षिणपूर्वी दीपनप्रोपेत्रोवस्क क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रही है और वहां भारी बमबारी की जा रही है।

कैदियों और शवों की अदला-बदली पर बनी सहमति
इस लगातार हिंसा के बीच दोनों देशों ने एक सहमति के तहत 25 वर्ष से कम उम्र के सैनिकों की अदला-बदली की है। 2 जून को इस्तांबुल में हुई वार्ता में लगभग 1200 कैदियों की अदला-बदली और शवों की वापसी पर समझौता हुआ। यह वार्ता तुर्की की मध्यस्थता से संपन्न हुई।
15 दिन पहले भी हुआ था बड़ा हमला – 41 लड़ाकू विमान तबाह
गौरतलब है कि 15 दिन पहले भी यूक्रेन ने रूस के चार सैन्य एयरबेस पर ड्रोन अटैक किया था, जिसमें 41 लड़ाकू विमान तबाह हो गए थे। यह हमला एक सीक्रेट ऑपरेशन के तहत अंजाम दिया गया था, जो डेढ़ साल की योजना का हिस्सा था। कजाकिस्तान सीमा से ड्रोन ट्रकों के जरिये रूस में घुसाए गए थे और एयरबेस के पास से इन्हें लॉन्च किया गया था।