स्टवान्गर, नॉर्वे: 18 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानानंदा ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट के तीसरे दौर में एक ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को 37 चालों में हरा दिया। यह प्रज्ञानानंदा की क्लासिकल शतरंज में कार्लसन के खिलाफ पहली जीत है, और इस जीत के साथ उन्होंने टूर्नामेंट में एकल बढ़त बना ली है।
यह मुकाबला प्रारंभ से ही रोमांचक रहा, और दोनों खिलाड़ियों ने जीत के लिए कड़ा संघर्ष किया। प्रज्ञानानंदा ने सफेद मोहरों से खेलते हुए शुरुआती बढ़त बना ली थी, और उन्होंने धीरे-धीरे कार्लसन पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया। कार्लसन ने वापसी की कोशिश की, लेकिन प्रज्ञानानंदा ने शानदार रणनीति और सटीक चालों के साथ उन्हें हरा दिया।
यह प्रज्ञानानंदा के लिए एक यादगार जीत है, और यह दर्शाता है कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शतरंज खिलाड़ियों में से एक बनने के लिए तैयार हैं। इससे पहले, उन्होंने रैपिड और ऑनलाइन मुकाबलों में भी कार्लसन को हराया था।
प्रज्ञानानंदा की बहन भी टूर्नामेंट में शीर्ष पर
प्रज्ञानानंदा की बहन, आर. वैशाली, भी नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में प्रभावशाली प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने महिला वर्ग में तीसरे दौर में अन्ना मुजीचुक के खिलाफ ड्रॉ खेला, और आर्मागेडोन बाजी जीतकर 1.5 अंक हासिल किए। इस जीत के साथ, वैशाली भी 5.5 अंकों के साथ टूर्नामेंट में शीर्ष पर हैं।
टूर्नामेंट में आगे क्या?
नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में अभी सात दौर बाकी हैं, और प्रज्ञानानंदा और वैशाली दोनों ही अपने शीर्ष स्थानों को बरकरार रखने के लिए उत्सुक होंगे। यह टूर्नामेंट दोनों खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, लेकिन उन्होंने पहले ही साबित कर दिया है कि वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को हराने में सक्षम हैं।