यमन: यमन के अल-बायदा प्रांत में स्थित एक गैस स्टेशन और उसके साथ जुड़े स्टोरेज टैंक में जोरदार विस्फोट हुआ, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 50 अन्य घायल हो गए। स्थानीय अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि विस्फोट के बाद पूरे क्षेत्र में भगदड़ मच गई और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल बचावकर्मियों को तैनात किया गया।
अल-बायदा हादसे की जानकारी
अल-बायदा प्रांत के इस भीषण विस्फोट से आसपास का क्षेत्र कांप उठा। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि गैस स्टेशन पर रखे एक स्टोरेज टैंक में तकनीकी खामी के कारण विस्फोट हुआ। दमकल और राहत टीमों ने तेजी से काम करते हुए आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक भारी जनहानि हो चुकी थी। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

राजधानी सना में हुआ था बड़ा धमाका
इससे पहले, 3 सितंबर की रात राजधानी सना के मुफजेर गैस स्टेशन पर भीषण विस्फोट हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह धमाका इतना तेज था कि आसपास के इलाकों में सुनाई दिया और भयंकर आग की लपटें मीलों दूर से देखी गईं। मुफजेर गैस स्टेशन राजधानी के उत्तरपूर्वी हिस्से में अल-खुराफी सैन्य शिविर के पास स्थित है।
विस्फोट के तुरंत बाद हूथी-बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। हूथी नियंत्रित सना में इस घटना के दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि उनके कान सुन्न हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया, “धमाके की आवाज पूरे शहर में गूंजी और आग इतनी भयंकर थी कि दूर-दूर तक देखी जा सकती थी।”
एयरस्ट्राइक से पहले भी झेला संकट
इस वर्ष की शुरुआत में, 1 जनवरी को, यमन पर अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने संयुक्त रूप से छह हवाई हमले किए थे। इन हमलों में राजधानी सना को निशाना बनाया गया था। ईरान की न्यूज एजेंसी मेहर की रिपोर्ट के अनुसार, इन हवाई हमलों में ’21 सितंबर पार्क’ को भी निशाना बनाया गया था, जो पहले फर्स्ट आर्म्ड फोर्सेस का मुख्यालय था। इसके अलावा, 2 जनवरी को भी यमन के विभिन्न इलाकों में कई हवाई हमले हुए।