पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी आगामी 9 जून को दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर जा रही हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस दौरे का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य को बकाया राशि की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना है।
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब बंगाल सरकार बार-बार केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाती रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री से यह मुलाकात राज्य के लिए बकाया 1.70 लाख करोड़ रुपये की राशि की मांग के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

केंद्र पर वित्तीय भेदभाव का आरोप, दिल्ली में फिर उठेगी मांग
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह बंगाल को उसके हिस्से का फंड नहीं दे रही है। विशेषकर मनरेगा (100 दिन के रोजगार), प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे केंद्रीय योजनाओं के तहत मिलने वाली धनराशि रोकी जा रही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले भी कई बार इस मुद्दे को लेकर धरना दे चुकी हैं। उन्होंने कोलकाता के रेड रोड पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने अपने कोष से राशि उपलब्ध कराई थी, जिससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर भारी दबाव पड़ा।
सत्र के बीच मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा बना चर्चा का विषय
मुख्यमंत्री का यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि राज्य विधानसभा का सत्र भी 9 जून से ही शुरू हो रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार मुख्यमंत्री का इस दौरान दिल्ली जाना राज्य की राजनीति और प्रशासनिक प्राथमिकताओं को स्पष्ट करता है। संभावना है कि विधानसभा सत्र के दौरान भी केंद्र से मिलने वाली राशि और योजनाओं की स्थिति पर चर्चा हो।

नीति आयोग की बैठक से दूरी पर BJP ने साधा निशाना
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस दौरे से पहले बीजेपी ने उन पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी नेता जगन्नाथ चटर्जी ने सवाल उठाते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री का मुख्यमंत्री से मिलना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नीति आयोग की बैठक से दूरी बनाना असामान्य है। अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राजनीतिक मतभेद के बावजूद प्रधानमंत्री से नीति मंच पर चर्चा की। बंगाल की मुख्यमंत्री ने ऐसा क्यों नहीं किया?”
उन्होंने यह भी पूछा कि जब मंच उपलब्ध था, तब मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों को भी क्यों नहीं भेजा?