नई दिल्ली: मालदीव के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा के दौरान अपने पहले बयानों में भारत-मालदीव संबंधों को और मजबूती देने की प्रतिबद्धता जताई है। दिल्ली में औपचारिक स्वागत समारोह के दौरान मुइज्जू ने स्पष्ट किया कि उनका देश भारत की सुरक्षा को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा, बल्कि इसे और सुदृढ़ करेगा। उन्होंने भारत को एक “मूल्यवान मित्र” के रूप में वर्णित किया, जो द्विपक्षीय व्यापार और विकास के लिए एक आवश्यक साझेदार है।
राष्ट्रपति भवन में हुआ भव्य स्वागत
मोहम्मद मुइज्जू के दिल्ली पहुंचने पर राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में उनके लिए औपचारिक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहे। मुइज्जू की यह यात्रा भारत-मालदीव के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
‘इंडिया आउट’ अभियान से यूटर्न, अब भारत के लिए मित्रता का संदेश
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू, जो पहले ‘इंडिया आउट’ अभियान के कारण चर्चा में रहे थे, ने इस यात्रा के दौरान अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया है। भारत पहुंचते ही उन्होंने कहा, “मालदीव और भारत के रिश्ते सम्मान और साझा हितों पर आधारित हैं। भारत हमारे व्यापार और विकास के सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक है और यह सहयोग आगे भी जारी रहेगा।”
मुइज्जू ने इस अवसर पर भारतीयों से खास अपील करते हुए कहा कि भारतीय पर्यटक हमेशा मालदीव में स्वागत योग्य रहे हैं। उन्होंने कहा, “भारतीयों ने मालदीव में सकारात्मक योगदान दिया है और हम भारतीय पर्यटकों को वापस आने के लिए आमंत्रित करते हैं।”
भारत की सुरक्षा सर्वोपरि
मुइज्जू ने अपने बयानों में यह भी स्पष्ट किया कि मालदीव की नीति भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर करने वाली नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हम कभी भी भारत की सुरक्षा को कमजोर करने वाले किसी भी कदम का समर्थन नहीं करेंगे। हम विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे कार्यों से हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।”