झुंझुनूं: जिले की सबसे सनसनीखेज वारदात, हिस्ट्रीशीटर डेनिश बावरिया हत्याकांड में झुंझुनूं पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। कोतवाली पुलिस की 5 टीमों ने दिन-रात एक कर 5 वांछित मुल्जिमान को दबोच लिया है। यह झुंझुनूं हत्याकांड पुरानी गैंगवार और रंजिश का नतीजा था। पुलिस ने 230 से ज्यादा सीसीटीवी खंगालने और हिसार से नोएडा तक कई शहरों में दबिश देने के बाद इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या थी यह खौफनाक वारदात? डेनिश का मौत से पहले का बयान
यह दिल दहला देने वाली घटना 20 अक्टूबर 2025 को हुई। डेनिश उर्फ नरेश कुमार ने मरने से पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल में पर्चा बयान दिया था। उसने बताया कि वह अपने दोस्तों सचिन, दिपचन्द उर्फ कालू और राकेश के साथ अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी (RJ 09 UC 0207) में 3 लाख रुपये और पटाखे लेकर चुडेला जा रहा था। जब उन्होंने चूरू बाईपास ठेके के पास गाड़ी रोकी, तभी 3 कैंपर गाड़ियों में सवार होकर आए प्रशांत उर्फ फोखर, दीपक मालसरिया, मंदीप उर्फ मदिया, कपिल मेघवाल, सुनिल मेघवाल, हितेश मील, अजय जाट और 10-15 अन्य लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने स्कॉर्पियो को कैंपर से टक्कर मारी, डेनिश को बाहर निकाला और लोहे के पाइपों से उसके हाथ- पैर व सिर पर बेरहमी से वार किए। इसके बाद वे उसका अपहरण कर कैंपर में डालकर ले गए और रसोडा गांव में मारपीट कर अधमरा पटक दिया। आरोपी उसकी सोने की चेन, अंगूठी और 3 लाख रुपये भी लूट ले गए। बीडीके अस्पताल से जयपुर रेफर किए जाने के बाद 21 अक्टूबर को डेनिश की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद प्रकरण में हत्या की धारा जोड़ी गई।
क्यों की गई डेनिश की हत्या? रंजिश का खूनी बदला
पुलिस की पूछताछ में इस हत्याकांड के पीछे की खूनी रंजिश का खुलासा हुआ। मार्च 2025 में डेनिश उर्फ नरेश बावरिया और उसके साथियों ने मुख्य आरोपी दीपक मालसरिया के साथ मारपीट की थी और उसकी गाड़ी तोड़ दी थी। इसी बेइज्जती का बदला लेने के लिए दीपक मालसरिया, मंदीप उर्फ मदिया और हितेश मील ने प्रशांत उर्फ पोखर के साथ मिलकर यह खौफनाक योजना बनाई। उन्होंने मंदीप और हितेश के परिचित कपिल कस्वां को इस काम में शामिल किया, जिसने अपने साथियों अजय उर्फ अजु, पंकज, ताराचंद, धर्मपाल और राहुल उर्फ राज को बुलाया। कपिल कस्वां और राहुल उर्फ राज ने पीरूसिंह सर्किल से ही डेनिश की स्कॉर्पियो की रैकी शुरू कर दी थी और हितेश मील व मंदीप उर्फ मदिया को सूचना देते रहे।
230 CCTV, 7 शहर खंगाले और पहाड़ी से गिरे आरोपी
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय खुद मौके पर पहुंचे। वृताधिकारी विरेन्द्र कुमार शर्मा और थानाधिकारी हरजिन्द्र सिंह के नेतृत्व में 5 पुलिस टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने हिसार, चुरू, रामगढ़ सेठान, सीकर, दादिया, जयपुर और नोएडा जैसे कई स्थानों पर 230 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और तकनीकी आसूचना जुटाई। दिन-रात की मेहनत के बाद, पुलिस ने कपिल कस्वां को बादशाहपुर (हरियाणा), राहुल उर्फ राज को रामगढ़ सेठान, और ताराचंद, पंकज व अजय उर्फ अज्जु को सीकर से दस्तयाब किया। इस गिरफ्तारी के दौरान एक फिल्मी वाकया भी हुआ। जब पुलिस गिरफ्तार आरोपीगण राहुल उर्फ राज, अजय उर्फ अजु और कपिल कस्वां को साथ लेकर अन्य वांछित मुल्जिमान मंदीप उर्फ मदिया व दीपक मालसरिया की तलाश में देरवाला की पहाड़ी पर पहुंची, तो इन तीनों ने भागने का प्रयास किया। अंधेरे में वे पहाड़ी से नीचे खड्डे में गिर गए, जिससे उनके हाथ-पैरों में चोटें आईं, जिनका बीडीके अस्पताल में इलाज करवाया गया।
ये 5 आरोपी हुए गिरफ्तार, मास्टरमाइंड की तलाश जारी
कोतवाली पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें नयासर निवासी 29 वर्षीय कपील कुमार कस्वां पुत्र उम्मेद सिंह, पिपराली (सीकर) निवासी 21 वर्षीय पंकज कुमार पुत्र राजेन्द्र, गुदडवास (सीकर) निवासी 21 वर्षीय राहूल कुमार उर्फ राज पुत्र बंजरगलाल, खिरोड निवासी 22 वर्षीय अजय कुमार उर्फ अजु पुत्र खेताराम, और पिपराली (सीकर) निवासी 21 वर्षीय ताराचन्द उर्फ टीसी पुत्र सीताराम शामिल हैं। इन पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न गंभीर धाराओं और एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
इस बड़ी सफलता में कोतवाली थानाधिकारी हरजिन्द्र सिंह के नेतृत्व में एक बड़ी टीम ने काम किया। इस टीम में विरेन्द्र, दिनेश (साईबर सैल), जितेन्द्र थाकन (साईबर सैल), राजेश (साईबर सैल), अरविन्द (साईबर सैल), प्रदीप कुमार, मोहित महला, योगेन्द्र, विजेन्द्र, और संदीप शामिल थे। विशेष रूप से, प्रवीण कुमार की भूमिका इस पूरे ऑपरेशन में महत्वपूर्ण रही। गोठडा थानाधिकारी हेमराज की टीम और एजीटीएफ भी दीपक मालसरिया और मंदीप उर्फ मदिया सहित अन्य फरार मुल्जिमान की तलाश में जुटी हैं।





