झुंझुनू, 2 मार्च 2025: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, फास्ट ट्रैक महिला आयोग और एशियन कोर्ट न्यायाधिकरण से पिलानी में यमुना नहर से संबंधित भ्रष्टाचार पर जांच, न्यायिक सुधार और जल संकट समाधान के लिए कार्रवाई की मांग की गई है। इस संबंध में डॉ. सत्यनारायण सैनी (अध्यक्ष, PHD अर्थ एंड एनवायरनमेंट) और सुमन पब्लिक उच्च माध्यमिक विद्यालय, खेड़ला (झुंझुनू) के प्रधानाचार्य द्वारा झुंझुनू विधायक राजेंद्र सिंह भाम्बू को पत्र सौंपा गया।
यमुना नहर से जुड़े भ्रष्टाचार की जांच की मांग
पत्र में मांग की गई कि यमुना नहर का पानी जनता तक पहुंचे और पुलिस प्रशासन की कथित अनियमितताओं पर रोक लगाई जाए। यह भी कहा गया कि न्यायिक एवं विधिक सुधार का राजनीतिक दबाव से मुक्त होकर पुनर्मूल्यांकन किया जाए।

पिलानी में जल संकट पर चिंता
पत्र में उल्लेख किया गया कि पिलानी में पानी की भारी किल्लत है, जबकि यह क्षेत्र वैज्ञानिक शोध और उच्च शिक्षा का केंद्र माना जाता है। यहां स्थित सीरी (CEERI) भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान में अग्रणी संस्थान है, लेकिन जल संकट के कारण क्षेत्र का विकास बाधित हो रहा है।
मुख्यमंत्री से विशेष बजट की अपील
पिलानी के जल संकट समाधान के लिए मुख्यमंत्री राजस्थान से विशेष बजट आवंटन की अपील की गई है। इसमें हरियाणा सरकार और स्थानीय प्रशासन से मिलकर जल संरक्षण और जल प्रबंधन में ठोस कदम उठाने की मांग की गई।

जल संकट समाधान के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता
अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सैनी ने कहा कि जल संकट का समाधान वैज्ञानिक अनुसंधान और नीतिगत बदलाव से संभव है। सरकार को इस दिशा में ठोस रणनीति बनानी चाहिए ताकि पिलानी जैसे महत्वपूर्ण शैक्षणिक और अनुसंधान क्षेत्र का विकास बाधित न हो।
यह पत्र क्षेत्र में न्यायिक सुधार और जल प्रबंधन की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास है, जिससे आमजन को राहत मिल सके।