महाराष्ट्र: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने बहुमत हासिल कर प्रदेश में अपनी मजबूत स्थिति कायम कर ली है। महायुति ने कुल 288 सीटों में से 233 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह नतीजे राज्य में बीजेपी और सहयोगी दलों की रणनीतिक जीत को दर्शाते हैं।
चुनाव में कोल्हापुर जिले की चंदगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार शिवाजी पाटिल ने जीत दर्ज की। यह जीत बीजेपी के बागी उम्मीदवार के रूप में उनके चुनावी संघर्ष को सफल बनाती है। हालाँकि, उनकी जीत का जश्न हादसे का रूप ले गया।
चंदगढ़ में जश्न के दौरान हादसा
घटना चंदगढ़ विधानसभा क्षेत्र के महगांव की है। जीत के बाद आयोजित विजय जुलूस में जेसीबी मशीन के माध्यम से गुलाल उड़ाया जा रहा था। इस दौरान विधायक शिवाजी पाटिल का महिलाओं द्वारा आरती से स्वागत किया जा रहा था। जैसे ही गुलाल उड़ा, अचानक आग लग गई, जिससे जुलूस में भगदड़ मच गई।
इस हादसे में विधायक पाटिल समेत 3-4 लोग घायल हो गए। राहत की बात यह रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई। जानकारी के अनुसार, नए विधायक शिवाजी पाटिल आग की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए। इस हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और जश्न रोक दिया गया।
कोल्हापुर के चंदगढ़ विधानसभा क्षेत्र से शिवाजी पाटिल ने जीत दर्ज की है। उनकी जीत के बाद बड़ा हादसा हो गया। जानकारी के अनुसार समर्थक जुलूस में जेसीबी से गुलाल उड़ा रहे थे, इस दौरान आग लग गई, जिसमें पाटिल समेत 3-4 लोग घायल हो गए। pic.twitter.com/FuLH6vjWJD
— Rakesh chaudhari (@Rakeshchau58578) November 24, 2024
शिवाजी पाटिल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था क्योंकि बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। बावजूद इसके, उन्होंने मतदाताओं का विश्वास जीतते हुए इस सीट पर अपनी विजय दर्ज की।
उद्धव ठाकरे ने उठाए सवाल
शिवसेना उद्धव गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनावी नतीजों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह नतीजे अप्रत्याशित और समझ से परे हैं। ठाकरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि महाराष्ट्र हमारे साथ इस तरह का व्यवहार करेगा। लोकसभा चुनाव के चार महीने बाद इतनी तेज़ी से स्थिति कैसे बदल सकती है? जब एमवीए ने 48 में से 30 सीटें जीती थीं, तो विधानसभा चुनाव में यह परिणाम कैसे आ सकते हैं?”
उन्होंने इन नतीजों पर संदेह जताते हुए कहा कि इसमें कुछ गड़बड़ी हो सकती है। ठाकरे ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए।