Wednesday, June 18, 2025
Homeदेशमहाकुंभ 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से आरंभ होगा पवित्र महाकुंभ, पहला...

महाकुंभ 2025: प्रयागराज में 13 जनवरी से आरंभ होगा पवित्र महाकुंभ, पहला शाही स्नान कल

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ मेले की भव्य शुरुआत प्रयागराज में होने जा रही है। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका ज्योतिषीय महत्व भी है। कुंभ मेला हर 12 वर्षों में भारत के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों- हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। इस आयोजन में श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में स्नान और पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कुंभ मेले का पौराणिक और ज्योतिषीय महत्व

समुद्र मंथन से निकले अमृत को लेकर देवताओं और राक्षसों के बीच 12 वर्षों तक युद्ध चला। इस दौरान जिन स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरीं, उन्हीं चार स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। कुंभ के आयोजन की अवधि 12 वर्षों में इसलिए होती है क्योंकि युद्ध भी 12 वर्षों तक चला था। महाकुंभ के स्नान को शाही स्नान कहा जाता है, जिसका अत्यधिक महत्व है।

महिला अखाड़ों की भूमिका और स्थिति

महाकुंभ 2025 में महिला अखाड़ों की भागीदारी भी विशेष रूप से चर्चा में है। महिला संतों के अखाड़े इस आयोजन में अपनी परंपरागत भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, जो समाज में उनकी सशक्त उपस्थिति को दर्शाता है।

पहले शाही स्नान का शुभ मुहूर्त

महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान कल 13 जनवरी को पूर्णिमा के अवसर पर होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी की सुबह 5:03 बजे आरंभ होकर 14 जनवरी की रात 3:56 बजे समाप्त होगी।

पहले शाही स्नान के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:27 से 6:21 तक
  • प्रातः संध्या मुहूर्त: सुबह 5:54 से 7:15 तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:15 से 2:57 तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:42 से 6:09 तक

महाकुंभ 2025 का दुर्लभ संयोग

इस वर्ष का महाकुंभ 144 वर्षों के बाद एक विशेष संयोग लेकर आया है। सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की स्थिति वही बन रही है जो समुद्र मंथन के समय बनी थी। साथ ही, रवि योग और भद्रावास योग का निर्माण भी इस दिन होगा। रवि योग सुबह 7:15 से 10:38 तक रहेगा। इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

शाही स्नान की तिथियां

महाकुंभ 2025 में कुल छह शाही स्नान आयोजित होंगे:

  • पहला शाही स्नान: 13 जनवरी (पूर्णिमा)
  • दूसरा शाही स्नान: 14 जनवरी (मकर संक्रांति)
  • तीसरा शाही स्नान: 29 जनवरी (मौनी अमावस्या)
  • चौथा शाही स्नान: 2 फरवरी (बसंत पंचमी)
  • पांचवां शाही स्नान: 12 फरवरी (माघ पूर्णिमा)
  • छठा शाही स्नान: 26 फरवरी (महाशिवरात्रि)

महाकुंभ का ऐतिहासिक महत्व

महाकुंभ मेला समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है। ऋषि दुर्वासा के श्राप से कमजोर हुए देवताओं पर राक्षसों ने आक्रमण कर दिया था। पराजित देवताओं ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी। विष्णु ने समुद्र मंथन से अमृत प्राप्त करने की सलाह दी। अमृत कलश के लिए देवता और राक्षस 12 वर्षों तक संघर्षरत रहे। इस दौरान अमृत की बूंदें हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में गिरीं, जहां कुंभ का आयोजन होता है।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!