मुख्यमंत्री ने इमामों से संवाद कर दिया सियासी और सामाजिक संदेश, कहा- ‘भारत को विभाजित मत करो, संविधान को बचाओ’
कोलकाता, पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता स्थित नेताजी इंडोर स्टेडियम में राज्यभर के इमामों के साथ एक महत्वपूर्ण संवाद किया। इस दौरान उन्होंने हाल ही में वक्फ कानून के खिलाफ हुए विरोध और बंगाल में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार और विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए।
वक्फ कानून के विरोध पर केंद्र को घेरा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि केंद्र सरकार राज्य के वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की साजिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि योजनाबद्ध तरीके से राज्य में हिंसा भड़काई गई, जिसमें रामनवमी पर दंगा कराने की कोशिश भी शामिल थी। ममता ने कहा,
“आप (केंद्र सरकार) राज्य वक्फ बोर्ड को खत्म करना चाहते हैं। रामनवमी पर दंगा कराने की योजना थी, लेकिन हमने उसे विफल कर दिया।”

संविधान और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का आह्वान
सीएम ममता ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह संविधान की अवहेलना कर रही है। उन्होंने कहा,
“आज जो लोग संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि यह बीजेपी का नहीं, भारत का संविधान है। धर्म के नाम पर किसी की संपत्ति पर दावा नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने आगे कहा कि वे सभी धर्मों और विचारों का सम्मान करती हैं – रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ ठाकुर और काजी नजरुल इस्लाम जैसे महापुरुषों की शिक्षाएं आज भी उनके नेतृत्व का आधार हैं।
सीमा पार हिंसा पर उठाए सवाल
ममता बनर्जी ने बांग्लादेश की सीमा के बहाने केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब केंद्र को पता है कि बंगाल एक सीमावर्ती राज्य है, तो ऐसी जल्दीबाजी में फैसले क्यों लिए गए? उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग सीमा पार से राज्य में आए और हिंसा फैलाई।
“अगर सीमाएं आपके नियंत्रण में हैं, तो आपने उन्हें आने क्यों दिया? आप क्या योजना बना रहे थे? देश को विभाजित मत करो, देश को एकजुट करो।”
गृह मंत्री और प्रधानमंत्री पर सीधा हमला
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे स्वयं की ही राजनीतिक जमीन खोद रहे हैं।
“अमित शाह ने कालिदास की तरह उसी शाखा को काट डाला जिस पर वे बैठे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरा अनुरोध है कि वे गृह मंत्री पर नियंत्रण रखें, क्योंकि सभी एजेंसियां उन्हीं के हाथों में हैं।”

संविधान और संघवाद की रक्षा का संकल्प
ममता बनर्जी ने कहा कि मौलिक अधिकारों को छीनने की कोशिश हो रही है और यह कानून संघवाद के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने इंडिया गठबंधन से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ें।
“मैं नहीं चाहती कि आप ‘ममता जिंदाबाद’ कहें, बल्कि ‘भारत जिंदाबाद’ और ‘संविधान जिंदाबाद’ कहें।”
समाप्ति संदेश: ‘जब तक मैं हूं, कोई हिंदू-मुस्लिम नहीं होगा’
मुख्यमंत्री ने अंत में स्पष्ट रूप से कहा कि बंगाल की भूमि सौहार्द और एकता की भूमि है, और किसी को भी इसे सांप्रदायिकता की आग में झोंकने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
“हमने न तो बिल का समर्थन किया है और न ही करेंगे। जब तक मैं हूं, बंगाल में कोई हिंदू-मुस्लिम नहीं होगा। हमारी संपत्ति को नुकसान मत पहुंचाओ।”