जिरीबाम, मणिपुर: मणिपुर के जिरीबाम जिले में मंगलवार सुबह दो बुजुर्गों के शव बरामद हुए हैं, जिनकी पहचान लैशराम बालेन और माईबाम केशो के रूप में की गई है। ये शव जकुराधोर करोंग इलाके में मिले, जहां सोमवार को कुछ उग्रवादियों ने दुकानों में आगजनी की थी। इससे पहले सोमवार को जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 10 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे। हालाँकि, एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मृतकों की संख्या 11 बताई गई थी। इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता
मुठभेड़ के बाद से तीन महिलाएं और तीन बच्चे लापता हैं। इस संबंध में मणिपुर पुलिस ने बताया कि इन लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए सुरक्षा बलों ने अभियान तेज कर दिया है। आइजीपी (ऑपरेशन) आईके मुइवा ने कहा कि सुरक्षा बल लापता लोगों का पता लगाने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
उग्रवादियों की गोलीबारी में मारे गए दो सीआरपीएफ जवान घायल
पुलिस के अनुसार, मारे गए उग्रवादी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे और उन्होंने जिरीबाम जिले में एक पुलिस स्टेशन और उसके निकट स्थित सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस मुठभेड़ के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दो जवान घायल हो गए। मंगलवार सुबह स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण बनी रही, जिसके चलते पुलिसकर्मियों ने संवेदनशील स्थानों पर गश्त की।
कुकी-जो बहुल क्षेत्र में बंद का ऐलान, स्कूल-कॉलेज बंद
मुठभेड़ में उग्रवादियों के मारे जाने के विरोध में पहाड़ी क्षेत्र के कुकी-जो बहुल इलाकों में मंगलवार सुबह से ही बंद का ऐलान कर दिया गया। इस दौरान स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहे, तथा सड़कों से वाहनों की आवाजाही बिल्कुल नदारद रही।
लापता लोगों की तलाश जारी
मणिपुर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मुठभेड़ में मारे गए 10 संदिग्ध उग्रवादियों ने जिरीबाम में गोलाबारी कर क्षेत्र में अराजकता फैलाने का प्रयास किया था। पुलिस के अनुसार, घटना के बाद से कुल 13 विस्थापित लोगों के लापता होने की सूचना मिली है, जिनमें से दो लोग मृत मिले हैं, पांच का पता लगा लिया गया है, और छह लोग अभी भी लापता हैं। पुलिस ने कहा कि अगर उग्रवादी फिर से गोलीबारी करते हैं, तो असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल जवाबी कार्रवाई करेंगे।