मंड्रेला (झुंझुनूं): कस्बे के बीच से गुजर रही 33KV हाईटेंशन बिजली लाइन ग्रामीणों के लिए अब मौत का साया बन चुकी है। पिछले वर्षों में इस लाइन से कई हादसे हो चुके हैं और कई लोगों की जान जा चुकी है। अब 135 से अधिक घरों पर खतरे की तलवार लटक रही है। ग्रामीणों ने इस समस्या के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है और प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
विद्युत विभाग का नोटिस बना परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि विद्युत विभाग ने 135 घरों को नोटिस दिया है कि मकानों के ऊपर से गुजर रही 33KV लाइन को हटवाने के लिए उन्हें ही पैसे जमा कराने होंगे। विभाग का कहना है कि हादसा होने पर वह जिम्मेदार नहीं होगा। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जब लाइन विभाग ने डाली थी तो जिम्मेदारी भी उसी की है, फिर गरीब परिवारों से लाखों रुपये क्यों मांगे जा रहे हैं?
सर्व समाज की बैठक में तय हुई रणनीति
रविवार देर शाम श्याम धर्म कांटा (पानी की टंकी के पास, मलसीसर बाईपास) पर सर्व समाज की विशाल बैठक आयोजित हुई, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। बैठक में तय किया गया कि पहले इस समस्या को प्रशासन शहरों के संग शिविर में उठाया जाएगा। अगर समाधान नहीं हुआ तो उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर ज्ञापन दिया जाएगा और अंततः आंदोलन की राह पकड़ी जाएगी।
ग्रामीणों का आक्रोश प्रशासन के लिए चुनौती
बैठक में महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने एकजुट होकर कहा कि अब और हादसों का इंतजार नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल बिजली की लाइन का मामला नहीं बल्कि इंसानी जिंदगियों की सुरक्षा का सवाल है।
पीड़ित ग्रामीण बनारसी लाल गौड़ ने कहा कि गरीब आदमी से शिफ्टिंग के पैसे मांगना अन्याय है, जिम्मेदारी विभाग को लेनी होगी।
सामाजिक कार्यकर्ता अयूब सोलंकी ने कहा कि ग्रामीणों को डर और हादसों के साये में जीने के लिए मजबूर करना किसी भी सरकार के लिए कलंक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे हर स्तर पर ग्रामीणों के साथ खड़े रहेंगे।





