भुवनेश्वर, ओडिशा: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन 8 जनवरी से शुरू हो गया है। यह महत्वपूर्ण सम्मेलन 10 जनवरी तक चलेगा और इसमें लगभग 5,000 प्रतिनिधि भाग लेंगे। भारतीय प्रवासी समुदाय को उनके योगदान के लिए सम्मानित करने और उन्हें भारत से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित यह द्विवार्षिक कार्यक्रम इस बार विशेष महत्व रखता है। सम्मेलन में करीब 150 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
ओडिशा में पहली बार सम्मेलन का आयोजन
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन पहली बार ओडिशा में हो रहा है। इसे भव्य और यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। भुवनेश्वर के नागरिकों से अपने घरों को दिवाली की भांति सजाने की अपील की गई है। विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में दुनियाभर से आए प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
युवा प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन
सम्मेलन के पहले दिन 8 जनवरी को युवा प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन विदेश मंत्री, युवा मामलों और खेल मंत्री तथा ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने संयुक्त रूप से किया। इस कार्यक्रम ने युवा प्रवासियों को अपनी नेतृत्व क्षमता और प्रेरणादायक कहानियों को साझा करने का अवसर प्रदान किया। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत में प्रवासी योगदान’ रखा गया है।

प्रधानमंत्री करेंगे विशेष टूरिस्ट ट्रेन का उद्घाटन
9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। इस दौरान त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगलू वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगी। प्रधानमंत्री प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस नामक विशेष टूरिस्ट ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से शुरू होकर विभिन्न धार्मिक और पर्यटक स्थलों की यात्रा करेगी।
राष्ट्रपति करेंगी समापन समारोह की अध्यक्षता
सम्मेलन का समापन 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में होगा। समापन समारोह में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार 2025 प्रदान किए जाएंगे। इन पुरस्कारों के माध्यम से वैश्विक भारतीय समुदाय के विशिष्ट व्यक्तित्वों को उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।
प्रदर्शनियों और विशेष सत्रों का आयोजन
सम्मेलन के दौरान चार प्रमुख प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। इनमें ‘विश्वरूप राम: रामायण की वैश्विक धरोहर’ प्रदर्शनी पारंपरिक और आधुनिक कला के माध्यम से रामायण की महत्ता को दर्शाएगी। ‘तकनीक और विकसित भारत में प्रवासी योगदान’ प्रदर्शनी भारतीय प्रवासियों द्वारा तकनीकी विकास में दिए गए योगदान पर केंद्रित होगी।
‘मंडवी से मस्कट तक’ प्रदर्शनी गुजरात के मंडवी से ओमान के मस्कट तक के प्रवासी भारतीयों के विकास की कहानियों को प्रस्तुत करेगी। चौथी प्रदर्शनी में ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और कला का प्रदर्शन किया जाएगा।
विषय आधारित सत्र
सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों के अनुभवों और योगदान पर आधारित पांच विषयगत सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इनमें प्रवासी युवा नेतृत्व, प्रेरणादायक प्रवासी कहानियां, प्रवासी महिलाओं का नेतृत्व, सांस्कृतिक पहचान और सतत विकास में प्रवासियों का योगदान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी।
50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने कराया पंजीकरण
सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के भारतीय प्रवासी पंजीकरण करा चुके हैं, और लगभग 4,000 प्रतिभागियों की उपस्थिति की उम्मीद है। प्रवासी भारतीय दिवस न केवल प्रवासी भारतीय समुदाय को सम्मानित करता है, बल्कि उनके साथ देश के मजबूत संबंधों को भी उजागर करता है। यह आयोजन भारतीय प्रवासियों की उपलब्धियों को एक मंच प्रदान करता है और उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करता है।