झुंझुनू: जिले के सूरजगढ़ तहसील में भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा और राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन एक साथ 625 जिलों में शुरू हुआ है। ज्ञापन में EVM हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव, ओबीसी आरक्षण, जाति-आधारित जनगणना और SC-ST के रिक्त पदों को भरने जैसी कई बड़ी मांगें उठाई गई हैं।
चरणबद्ध आंदोलन का पहला चरण
प्रदेश महासचिव ओमप्रकाश सेवदा ने बताया कि यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा। पहले चरण में पूरे देश के 625 जिलों में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे गए। सूरजगढ़ में भी कार्यकर्ताओं ने तहसील प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगों पर जोर दिया।
प्रमुख मांगें: पारदर्शी चुनाव और सामाजिक न्याय
ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि EVM हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराना लोकतंत्र की पारदर्शिता के लिए जरूरी है। साथ ही ओबीसी को उनकी संख्या के अनुपात में भागीदारी, जाति-आधारित जनगणना, SC-ST के रिक्त पदों की भर्ती और पदोन्नति में आरक्षण जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। निजीकरण का विरोध करते हुए सामाजिक न्याय को मजबूती देने की बात कही गई।
कार्यकर्ताओं की भागीदारी
ज्ञापन सौंपने वालों में राधेश्याम चिरानिया, सज्जन कुमार कटारिया, रईस कुरैशी, रघुवीर सिंह भाटिया और रतनलाल चेतीवाल सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने आंदोलन को जनता की आवाज बताते हुए मांगों पर तुरंत अमल करने की अपील की।
दूसरे चरण में होगा और बड़ा आंदोलन
ओमप्रकाश सेवदा ने कहा कि यदि प्रशासन इन मांगों पर ध्यान नहीं देता है तो आंदोलन का दूसरा चरण 17 सितंबर को जिला मुख्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन के रूप में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और आंदोलन को और तेज किया जाएगा।