नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम (सीजफायर) की घोषणा के एक दिन बाद भारतीय वायुसेना (IAF) ने “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर अहम जानकारी साझा की है। वायुसेना के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह ऑपरेशन अभी जारी है लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
बयान के अनुसार,
“भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत सौंपे गए सभी कार्यों को पूर्ण सटीकता और जिम्मेदारी के साथ अंजाम दिया है। यह अभियान देश के हितों को ध्यान में रखते हुए बहुत सोच-समझकर और सतर्कता से संचालित किया गया। जब तक अभियान पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, तब तक इसके सभी विवरण साझा नहीं किए जाएंगे।”
वायुसेना ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और बिना पुष्टि की जानकारी न फैलाएं।

सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की हरकतें जारी, भारत का करारा जवाब
शनिवार 10 मई की शाम विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि पाकिस्तान की अपील पर दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू कर दिया गया है। लेकिन सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर समेत कई सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया।
भारतीय सेना ने इस हमले का कड़ा जवाब देते हुए दुश्मन के सभी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। रक्षा सूत्रों के अनुसार, शनिवार रात 10 बजे के बाद पाकिस्तान की तरफ से कोई विशेष सैन्य गतिविधि नहीं देखी गई।
डोनाल्ड ट्रंप ने दी सीजफायर की जानकारी, अमेरिका ने निभाई मध्यस्थता भूमिका
सीजफायर की औपचारिक घोषणा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर की। उन्होंने लिखा,
“मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की मध्यस्थता से संघर्षविराम हुआ है। दोनों देश अब शांति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस समझौते की पुष्टि करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।

भारत का सख्त रुख: आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं – एस. जयशंकर
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्धविराम की सहमति ज़रूर दी है लेकिन आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख पहले की तरह ही सख्त और अडिग रहेगा।
उन्होंने कहा,
“भारत और पाकिस्तान ने आज संघर्षविराम पर सहमति बनाई है। भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लगातार कठोर और स्पष्ट नीति अपनाता रहा है और आगे भी इसे जारी रखेगा।”