नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LOC) पर तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। 7 मई 2025 को पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलीबारी और ड्रोन हमलों में जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक कॉन्वेंट स्कूल पर हमला हुआ, जिसमें दो मासूम छात्रों की मौत हो गई। हमले में कई नागरिक घायल हुए हैं। पाकिस्तान ने इस हमले में गुरुद्वारे सहित रिहायशी और धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया। भारत ने संयम बरतते हुए जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के चार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर सटीक हमले किए हैं।

पाकिस्तान की “उकसावे वाली कार्रवाई”, भारत का संयमित लेकिन सटीक प्रतिशोध
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में बताया कि पाकिस्तान ने पुंछ, राजौरी, तंगधार और उरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में कई भारतीय जवान भी घायल हुए हैं। मिसरी ने बताया कि पाकिस्तान ने जानबूझकर रिहायशी इलाकों, खासकर पुंछ जिले के एक गुरुद्वारे और स्कूल, को निशाना बनाया।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अपने हवाई अड्डों और उड़ानों को बंद नहीं किया, जिससे यह संकेत मिला कि वह नागरिक संरचनाओं को ढाल के रूप में प्रयोग कर रहा है।
“यह पूरी तरह उकसावे वाली और गैर-जिम्मेदाराना सैन्य कार्रवाई है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय शांति को भंग करना है।”
– विक्रम मिसरी, विदेश सचिव
पुंछ में क्राइस्ट स्कूल पर हमला, मासूमों की मौत से मचा हाहाकार
हमले में पुंछ स्थित क्राइस्ट स्कूल को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान द्वारा दागा गया एक गोला स्कूल के ठीक पीछे गिरा, जो दो छात्रों के घर पर फटा। इन दोनों छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके माता-पिता गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
वहीं, एक और गोला पास स्थित एक ईसाई कॉन्वेंट की छत पर गिरा जिससे वहां की पानी की टंकियों, सोलर पैनलों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ। स्थानीय लोगों ने स्कूल के नीचे बने अंडरग्राउंड हॉल में छिपकर अपनी जान बचाई।
“स्कूल उस समय बंद था, अन्यथा जान-माल की हानि कहीं अधिक हो सकती थी।”
– विदेश सचिव कार्यालय
गुरुद्वारों और मंदिरों पर भी हमला, नागरिकों में भय का माहौल
पाकिस्तानी गोलाबारी के दौरान गुरुद्वारों, कॉन्वेंट और मंदिरों जैसे धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया। इस हमले ने स्थानीय नागरिकों में जबरदस्त भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। कई परिवार सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।

300 से 400 पाकिस्तानी ड्रोन का इस्तेमाल, टर्किश तकनीक होने का शक
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस वार्ता में बताया कि पाकिस्तान ने हमले के दौरान करीब 300 से 400 ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, जिनका प्राथमिक लक्ष्य भारतीय वायुसेना के स्टेशन थे। प्रारंभिक जांच में इन ड्रोन्स की मूल तकनीक टर्किश (तुर्कीए) प्रतीत हो रही है।
भारतीय वायुसेना ने एकीकृत काउंटर-यूएएस (UAS) ग्रिड और वायु रक्षा प्रणाली के माध्यम से इन हमलों को विफल कर दिया।
भारत की जवाबी कार्रवाई: चार आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले
भारतीय सेना ने संयमित लेकिन कठोर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के चार प्रमुख आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इन ठिकानों में नियंत्रण रेखा के पार मौजूद हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने बताए जा रहे हैं।
सेना ने यह स्पष्ट किया है कि नागरिक इलाकों को नुकसान न पहुंचे इसका विशेष ध्यान रखा गया।
वैश्विक समुदाय से भारत की अपील: आतंकवाद पर कार्रवाई हो
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों को समर्थन देने और शांति भंग करने की उसकी हरकतों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए।