नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों की टारगेटेड किलिंग में शामिल होने के आरोपों को खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को झूठा और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा बताया है।
यह प्रतिक्रिया ब्रिटेन के अखबार “द गार्जियन” की एक रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत पाकिस्तान में आतंकियों को खत्म करने के लिए लक्षित हत्याएं कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद से भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने 20 ऐसी हत्याओं को अंजाम दिया है।
इस रिपोर्ट के आते ही दुनिया भर में हंगामा सा मच गया। हालांकि, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर यह पहले ही कह चुके हैं कि दूसरे देशों में लक्षित हत्याएं कराना भारत सरकार की नीति नहीं है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
“द गार्जियन” की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों को खत्म करने के लिए एक “स्लीपर सेल” का इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सेल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में स्थित है और इसमें भारतीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद और रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी से प्रेरणा ली है, जो विदेशी धरती पर लक्षित हत्याओं में शामिल रही हैं।
भारत का क्या कहना है?
भारत सरकार ने “द गार्जियन” की रिपोर्ट को “झूठा और दुर्भावनापूर्ण” बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “भारत सरकार कभी भी लक्षित हत्याओं में शामिल नहीं रही है। यह नीति भारत के मूल्यों और कानूनों के खिलाफ है।”
उन्होंने कहा कि “द गार्जियन” की रिपोर्ट “झूठी और दुर्भावनापूर्ण” है और इसका उद्देश्य भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना है।
अन्य देशों के आरोप
अमेरिका और कनाडा भी भारत पर विदेशी धरती पर हत्याओं और ऐसे प्रयासों में शामिल होने का आरोप लगा चुके हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में दावा किया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का संदेह है। जून में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर निज्जर को गोली मार दी गई थी, जो कि एक कनाडाई नागरिक और भारत में वांटेड आतंकी था। भारत ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।