नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी दी कि कनाडा ने अपने लगाए गए गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य प्रदान नहीं किया है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लिखित जवाब में कहा कि इस प्रकार के आरोप और नैरेटिव भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अमेरिका और कनाडा में भारतीय नागरिकों से संबंधित लगाए गए आरोपों के प्रति पूरी तरह से अवगत है।
अमेरिका के साथ उच्च-स्तरीय जांच जारी
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि अमेरिका के साथ चल रहे सुरक्षा सहयोग के तहत संगठित अपराधियों, आतंकियों और अन्य संदिग्धों के बीच सांठगांठ को लेकर अमेरिकी पक्ष द्वारा साझा की गई जानकारी की गहन जांच की जा रही है। इस जांच का उद्देश्य भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा करना है। उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्य के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है।
कनाडा ने सबूत नहीं दिए
राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों के समर्थन में अभी तक कोई भी ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आरोप भारत और कनाडा के रिश्तों को और अधिक जटिल बना सकते हैं।
कांग्रेस सांसद का सवाल और सरकार का जवाब
लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सरकार से पूछा कि क्या वह अमेरिका और कनाडा में भारतीय नागरिकों से संबंधित कथित आपराधिक गतिविधियों पर ध्यान दे रही है। इसके जवाब में कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि सरकार इन आरोपों के प्रति पूरी तरह सचेत है।
मनीष तिवारी ने यह भी पूछा कि इन आरोपों का द्विपक्षीय संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और क्या केंद्र सरकार इन देशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक कदम उठा रही है। इसके जवाब में विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार इन मुद्दों पर संबंधित देशों के साथ निरंतर संवाद बनाए हुए है और संभावित परिणामों को लेकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री का भारत पर आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में भारत सरकार पर आरोप लगाया कि भारत के एजेंटों ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाई है। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया है।
भारत-कनाडा संबंधों पर प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा द्वारा लगाए गए आरोप और भारत का उन्हें खारिज करना, दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और बिगाड़ सकते हैं। यह स्थिति न केवल राजनयिक बल्कि व्यापार और आप्रवासन से संबंधित मुद्दों को भी प्रभावित कर सकती है।