नई दिल्ली: भारत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करते हुए 156 मेड इन इंडिया एलसीएच ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की हाल ही में हुई बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगाई गई।

एचएएल को मिला सबसे बड़ा ऑर्डर
यह सौदा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। हेलीकॉप्टरों का निर्माण कर्नाटक के बेंगलुरु और तुमकुर स्थित एचएएल संयंत्रों में किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने इस वित्त वर्ष में 2.09 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
एलसीएच प्रचंड की विशेषताएं
एलसीएच ‘प्रचंड’ को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। यह हेलीकॉप्टर विभिन्न आधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस है और दुश्मन के टैंकों, बंकरों और ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। इसकी अन्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने की क्षमता
- रात्रि में हमले की अद्वितीय क्षमता
- मजबूत कवच सुरक्षा
- उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन में सक्षम
- हवाई रक्षा अभियानों को नष्ट करने की क्षमता
एलसीएच ‘प्रचंड’ को सियाचिन जैसे दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्रों में भी तैनात किया जा सकता है। इसका उपयोग धीमी गति से चलने वाले विमानों और दूर से संचालित विमानों (RPA) के खिलाफ भी प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगा बढ़ावा
सरकार इस रक्षा सौदे के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत पहल को और सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर है। मेक इन इंडिया के तहत भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का यह एक और बड़ा कदम है।