नई दिल्ली, 26 अगस्त 2024: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को अभिनेत्री और मंडी से सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के संबंध में दिए गए बयान से स्पष्ट रूप से असहमति जताई और खुद को उससे अलग कर लिया है। पार्टी ने कंगना रनौत को भविष्य में इस प्रकार के बयान न देने की हिदायत दी है। कंगना ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे, और वहां बलात्कार तथा हत्याएं हो रही थीं।
भाजपा के केंद्रीय मीडिया विभाग की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया गया है कि कंगना रनौत का यह बयान पार्टी के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। पार्टी ने यह भी कहा कि कंगना को न तो पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने की अनुमति है और न ही वे इस प्रकार के बयान देने के लिए अधिकृत हैं।
कंगना रनौत का विवादास्पद बयान
कंगना रनौत ने अपने साक्षात्कार में तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों के वापस लिए जाने पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि यदि ये विधेयक वापस नहीं लिए जाते तो “इन उपद्रवियों” की योजनाएं काफी लंबी थीं, और वे देश में कहीं भी उपद्रव कर सकते थे। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता, तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को बांग्लादेश बना दिया जाता।
भाजपा का स्पष्ट रुख
भाजपा ने अपने बयान में कंगना रनौत के इस विवादास्पद बयान से असहमति व्यक्त की और कहा कि पार्टी सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। बयान में कहा गया, “भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की नीति पर चलती है और सामाजिक समरसता को सर्वोपरि मानती है।”
भाजपा ने कंगना को भविष्य में इस प्रकार के बयान न देने की स्पष्ट हिदायत दी है और कहा कि उन्हें पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने की अनुमति नहीं दी गई है। पार्टी का यह कदम ऐसे समय में आया है जब किसान आंदोलन को लेकर विवाद और संवेदनशीलता बनी हुई है।