संभल, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इस हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है, और स्थानीय प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयासरत है। इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने प्रतिनिधिमंडल को संभल भेजने का निर्णय लिया है। सपा के प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य घटनास्थल पर जाकर विस्तृत जानकारी एकत्र करना और उस जानकारी को पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंपना है।
सपा प्रतिनिधिमंडल का आगमन
सपा का प्रतिनिधिमंडल 30 नवंबर को संभल पहुंचने वाला है, जहां वह हिंसा के संबंध में जानकारी प्राप्त करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में सपा के प्रमुख नेता शामिल हैं, जैसे माता प्रसाद पांडेय, लाल बिहार यादव, श्याम लाल पाल, हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, नीरय मौर्य, कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद, पिंकी सिंह यादव, अली अंसारी, जयवीर सिंह यादव और शिवचरण कश्यप। इन नेताओं का दावा है कि वे वहां पीड़ितों से मिलने और घटना की सच्चाई को सामने लाने के लिए जा रहे हैं।
सपा नेता माता प्रसाद पांडेय का बयान
सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने इस संबंध में मीडिया से कहा, “अगर मीडिया वहां जा सकती है तो हम वहां क्यों नहीं जा सकते हैं?” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी को भड़काना नहीं है, बल्कि वे वहां पीड़ितों से मिलने और सच को सामने लाने के लिए जा रहे हैं। पांडेय ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार उनकी यात्रा को रोकने की कोशिश कर रही है, ताकि घटना के असली तथ्यों को छिपाया जा सके।
संभल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध
संभल में हिंसा के बाद स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिलाधिकारी ने आदेश जारी किया है कि बिना अनुमति किसी भी बाहरी व्यक्ति का जिले में प्रवेश नहीं हो सकेगा। इसके बावजूद सपा नेताओं का कहना है कि वे अपने मौलिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए इस यात्रा पर अडिग हैं।
पांडेय के घर के बाहर पुलिस बल की तैनाती
सपा नेता माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस बल की तैनाती की गई है। पांडेय ने आरोप लगाया कि प्रशासन उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल को रोकने का प्रयास कर रहा है, ताकि वे मृतकों के परिजनों से मिलकर सच्चाई उजागर न कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रशासन “गलत कामों को छिपाने” के लिए उन्हें यात्रा करने से रोकने का प्रयास कर रहा है।
संभल में लागू धारा 163
संभल में हिंसा के बाद से धारा 163 लागू कर दी गई है। यह धारा सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू की गई है, और इसके तहत जिले में बिना अनुमति किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।