चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के बीच दशकों पुराना जल विवाद एक बार फिर गहराता दिख रहा है। इस बार टकराव की जड़ है भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) का एक हालिया फैसला, जिसके तहत हरियाणा को 8 दिनों तक प्रतिदिन 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने की सिफारिश की गई है।
हरियाणा की आपत्ति और सर्वदलीय एकजुटता
शनिवार, 3 मई को चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।
इनमें कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, जजपा के दुष्यंत चौटाला, इनेलो के रामपाल माजरा और भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल थे।

मुख्यमंत्री सैनी ने स्पष्ट कहा:
“BBMB के निर्देशों को न मानना संविधान के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। यह पंजाब सरकार की राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कार्रवाई है, जो दिल्ली चुनाव में हार के बाद सामने आई है।”
हरियाणा सरकार ने यह भी कहा कि राज्य इस समय गंभीर पेयजल संकट का सामना कर रहा है और केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए समाधान को तत्काल लागू किया जाना चाहिए
हरियाणा का तर्क: गहराता जल संकट
हरियाणा सरकार का दावा है कि राज्य में जल संकट गंभीर होता जा रहा है, विशेष रूप से गर्मी के मौसम में। मुख्यमंत्री सैनी ने मानवीय आधार पर पंजाब से अतिरिक्त जल छोड़े जाने की अपील की और कहा:
“हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन यदि आवश्यकता पड़ी तो हर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। पंजाब हमारे पड़ोसी राज्य का दर्द समझे।”
पंजाब का विरोध और बैठक का बहिष्कार
पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने हरियाणा द्वारा अतिरिक्त जल मांग को असंवैधानिक करार दिया और चंडीगढ़ में हुई बैठक का बहिष्कार किया।
उन्होंने दावा किया कि:
“हरियाणा ने पहले ही मार्च तक अपने हिस्से का 103% पानी उपयोग कर लिया है। अब और पानी देना राज्य के हितों के खिलाफ है।”
2 मई को पंजाब में भी एक सर्वदलीय बैठक हुई थी, जिसमें सभी दलों ने एकमत होकर हरियाणा को और पानी देने से इनकार कर दिया।

BBMB और केंद्र की भूमिका
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने BBMB के फैसले का समर्थन किया है और कहा है कि हरियाणा को निर्धारित अतिरिक्त जल मिलना चाहिए।
BBMB की तकनीकी समिति ने 23 और 30 अप्रैल को यह अनुशंसा की थी, जिसे हरियाणा ने समर्थन देते हुए बिना शर्त लागू करने की मांग की है।
मामला पहुंचा हाईकोर्ट
विवाद अब न्यायिक दायरे में पहुंच गया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पंजाब पुलिस की भाखड़ा डैम पर कथित तैनाती हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलने में बाधा उत्पन्न कर रही है।
याचिका में इस तैनाती को असंवैधानिक बताया गया है और तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है।