ब्रिटेन: हाल ही में ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों के खिलाफ की जा रही कड़ी कार्रवाई से संबंधित एक नया घटनाक्रम सामने आया है। लेबर पार्टी की सत्ता में आने के बाद, ब्रिटिश सरकार ने अवैध प्रवासियों और अपराधियों पर सख्त रुख अपनाते हुए 19 हजार से अधिक लोगों को डिपोर्ट कर दिया है। इस पर ब्रिटिश होम मिनिस्टर वेटे कूपर ने कहा कि उनकी सरकार के आने के बाद से यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
ब्रिटिश सरकार की कार्रवाई के परिणाम
ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों की समस्या को लेकर सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ब्रिटिश गृह सचिव वेटे कूपर ने जानकारी दी कि अब तक 19 हजार से अधिक अवैध प्रवासियों और अपराधियों को देश से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। कूपर के अनुसार, यह सभी गिरफ्तारियां और डिपोर्टेशन उनके मंत्रालय की सतर्क निगरानी में की गईं।
The public must have confidence in the UK's immigration system.
— Home Office (@ukhomeoffice) February 10, 2025
Through our Plan for Change, we have removed almost 19,000 people including failed asylum seekers, foreign criminals and immigration offenders from the UK since July 2024. pic.twitter.com/QY4tpQDqSP
लेबर सरकार का फरमान: अवैध कार्य करने वालों के खिलाफ कार्रवाई
ब्रिटिश सरकार ने अवैध रूप से काम करने वाले प्रवासियों के खिलाफ छापेमारी अभियान तेज कर दिया है। इस अभियान के तहत भारतीय रेस्टोरेंट्स, नेल बार्स, सविधा स्टोर्स और कार वॉश की दुकानों में छापेमारी की गई है, जिनमें प्रमुख रूप से प्रवासी कर्मचारी काम करते हैं। इस कार्रवाई में जनवरी महीने में 828 परिसरों में छापेमारी की गई, जिसमें 609 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
भारतीय रेस्टोरेंट से 7 गिरफ्तारी
गृह सचिव के कार्यालय ने बताया कि इन छापेमारी कार्रवाइयों का प्रमुख फोकस रेस्टोरेंट्स, टेकअवे, कैफे, खाद्य, पेय और तंबाकू उद्योगों पर था। एक प्रमुख घटनाक्रम में हंबरसाइड स्थित एक भारतीय रेस्टोरेंट से सात गिरफ्तारियां की गईं और चार अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया। गृह सचिव कूपर ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि आव्रजन नियमों का सम्मान किया जाना चाहिए और इन नियमों को सख्ती से लागू भी किया जाना चाहिए।
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ब्रिटिश सरकार की नीति और संदेश
ब्रिटिश गृह सचिव ने साफ तौर पर कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अवैध रूप से काम करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम ब्रिटेन की सुरक्षा, स्थानीय रोजगार और आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। अवैध प्रवासियों के खिलाफ की जा रही इस कार्रवाई को ब्रिटिश समाज और राजनीति में मिले-जुले प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, जबकि मानवाधिकार संगठनों ने इस पर चिंता जताई है।
ब्रिटेन में हाल ही में यह देखा गया है कि अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने की प्रक्रिया और छापेमारी अभियान का विरोध भी बढ़ता जा रहा है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भारतीय और अन्य एशियाई प्रवासी बड़ी संख्या में काम करते हैं। बावजूद इसके, सरकार ने अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा है कि यह कदम देश की आव्रजन नीति को सुदृढ़ बनाने और अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए लिया जा रहा है।