ब्राजील: ब्रिक्स संसदीय फोरम के ब्राजीलिया में आयोजित 11वें वार्षिक सम्मेलन में भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को ऐतिहासिक समर्थन मिला। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के मुद्दे को प्रभावशाली ढंग से उठाया। सम्मेलन में भारत सहित सभी 10 सदस्य देशों—ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया—ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की।
इस मौके पर एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया जिसमें सभी ब्रिक्स सदस्य देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की “शून्य सहिष्णुता नीति” का पुरजोर समर्थन करते हुए इस दिशा में मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई। यह पहली बार है जब ब्रिक्स संसदीय मंच पर सभी देशों ने आतंकवाद के मुद्दे पर इतनी स्पष्टता और एकजुटता के साथ बयान जारी किया है।

गंभीर विषयों पर गहन विचार-विमर्श
सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ, जिनमें शामिल थे:
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का नियमन और वैश्विक स्तर पर उसके उपयोग की दिशा
- वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था में सुधार की आवश्यकता
- अंतर-संसदीय सहयोग के नए आयाम
- वैश्विक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय
ओम बिरला ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद न केवल एक देश की, बल्कि पूरी मानवता की शांति और विकास के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कठोर और निर्णायक नीति अपनाई है, जिसकी झलक हालिया पहलगाम हमले पर तीव्र प्रतिक्रिया में देखी जा सकती है।
आर्थिक मदद और तकनीकी दुरुपयोग पर रोक पर बल
लोकसभा अध्यक्ष ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए कुछ ठोस बिंदु प्रस्तावित किए, जिन पर सभी सदस्य देशों ने सहमति जताई:
- आतंकी संगठनों को मिलने वाली वित्तीय सहायता पर कठोर रोक
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुफिया जानकारी साझा करना
- आधुनिक तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने के लिए संयुक्त निगरानी
- जांच और न्यायिक सहयोग के लिए समन्वित प्रणाली विकसित करना
बिरला ने कहा कि “आतंकवाद को तब तक समाप्त नहीं किया जा सकता जब तक हम उसकी जड़ों—धन, तकनीक और राजनीतिक संरक्षण—को नष्ट न करें।”

भारत को मिली अगली मेज़बानी और फोरम की अध्यक्षता
सम्मेलन के अंत में यह घोषणा की गई कि अगले वर्ष आयोजित होने वाले 12वें ब्रिक्स संसदीय फोरम की मेज़बानी भारत करेगा, और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संसदीय फोरम की अध्यक्षता सौंपी गई है। यह भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।