Monday, March 10, 2025
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बैतूल कोयला खदान हादसा: तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

बैतूल, मध्य प्रदेश: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में गुरुवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें बागडोना-छतरपुर-1 कोयला खदान का स्लैब गिरने से तीन मजदूरों की दबकर मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया गया। एसडीआरएफ, डब्ल्यूसीएल (वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) और पुलिस बल की टीमों ने संयुक्त रूप से बचाव अभियान चलाया।

रेस्क्यू ऑपरेशन में तीन मजदूरों के शव बरामद

हादसे के तुरंत बाद बचाव कार्य शुरू किया गया, जिसमें खदान में फंसे मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई। अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तीन मजदूरों को बाहर निकाला गया, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बैतूल एसपी निश्चल झारिया ने इस दुर्घटना की पुष्टि की और वे स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

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मृतकों की पहचान और प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस हादसे में जिन तीन मजदूरों की मौत हुई, उनकी पहचान इस प्रकार है:

  1. गोविंद कोसरिया (37 वर्ष) – शिफ्ट इंचार्ज
  2. हरी चौहान (46 वर्ष) – ओवरमैन
  3. रामदेव पंडोले (49 वर्ष) – माइनिंग सरदार

घटना की जानकारी मिलते ही विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया मौके पर पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की। कलेक्टर सूर्यवंशी के निर्देश पर तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

परिजनों को मिलेगी मुआवजा राशि

विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे और कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने WCL के जीएम को निर्देश दिए कि मृतकों के परिजनों को लाइफ कवर स्कीम के तहत 1.5 लाख रुपये की तत्काल सहायता दी जाए। इसके अलावा, एक्स-ग्रेसिया, ग्रेच्युटी, कंपनसेशन, पीएफ और लाइफ एनकैशमेंट की राशि भी जल्द जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

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खदान सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल, जांच के आदेश

हादसे के बाद प्रशासन ने खदान में सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इस संबंध में सेफ्टी बोर्ड मेंबर गोविंद कुमार ने कहा कि खदान में सीएम मशीन (Coal Mining Machine) चल रही थी और कटिंग के बाद बोल्टिंग की जानी थी, लेकिन उससे पहले मजदूरों को खदान में जाने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही करार दिया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

बैतूल कलेक्टर ने दी जानकारी

बैतूल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि डब्ल्यूसीएल की छतरपुर-1 खदान में निरीक्षण के दौरान छत का हिस्सा गिर गया, जिससे तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद मृतकों का पोस्टमॉर्टम कर उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। पुलिस और डब्ल्यूसीएल के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं, और राहत कार्यों को पूरा कर लिया गया है।

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