चिड़ावा, 16 फरवरी 2025: क्षेत्र में सामाजिक बदलाव का एक प्रेरणादायक उदाहरण देखने को मिला, जब सुलताना का बास में एक पिता ने अपनी बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकालने की परंपरा को नया आयाम दिया। विजेंद्र एवं बबीता देवी की पुत्री शिवानी की शादी 20 फरवरी को होने जा रही है, और इस शुभ अवसर को और खास बनाने के लिए परिजनों ने बिंदोरी को विशेष रूप में आयोजित किया।
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शनिवार रात को आयोजित इस बिंदोरी में विजेंद्र ने अपनी बेटी शिवानी को घोड़ी पर बैठाकर पूरे गांव में बारात निकाली। इस अवसर पर पूरे गांव में उत्साह और उल्लास का माहौल था। बिंदोरी में बैंड-बाजे के साथ डीजे पर लोग झूमते नजर आए। महिलाओं ने मंगलगीत गाकर बेटी को आशीर्वाद दिया और इस नई परंपरा का स्वागत किया।
विजेंद्र ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को हमेशा बेटे की तरह पाला है और अब उसकी शादी को भी उतना ही खास बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं होतीं। मैं चाहता था कि मेरी बेटी को भी वही सम्मान मिले, जो एक बेटे को मिलता है। यह समाज के लिए एक संदेश भी है कि बेटियों को समानता का अधिकार मिले।”
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इस अनूठी पहल की गांववासियों ने सराहना की। इस दौरान रामकुमार, श्यामलाल सैनी, देवीराम सैनी, हजारीलाल सैनी, महेश सैनी, मुकेश सैनी समेत अन्य गणमान्य लोगों ने इस कदम की तारीफ की और बेटियों को समान अवसर देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहल समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देगी और सभी को इसे अपनाना चाहिए।