झारखंड: झारखंड के गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि, “देश में जितने गृह युद्ध हो रहे हैं, उसके लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जिम्मेदार हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वोच्च न्यायालय धार्मिक युद्ध भड़काने की भूमिका निभा रहा है।
दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर संवैधानिक सीमाएं लांघने का आरोप लगाते हुए कहा कि अदालत संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को निरस्त कर रही है और राष्ट्रपति तक को निर्देश दे रही है, जो कि न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं। दुबे ने अनुच्छेद 368 का हवाला देते हुए कहा कि कानून बनाना संसद का अधिकार है और न्यायालय की भूमिका सिर्फ उसकी व्याख्या करने की है।

उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में सवाल किया, “अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है तो फिर क्या संसद को बंद कर देना चाहिए?”
असदुद्दीन ओवैसी का पलटवार: “बीजेपी ट्यूबलाइट है, सुप्रीम कोर्ट को धमकाना बंद करे”
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने निशिकांत दुबे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने कहा:
“तुम लोग ट्यूबलाइट हो, बीजेपी वाले कोर्ट को धमका रहे हैं। क्या तुम्हें पता है अनुच्छेद 142 क्या है? इसे डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान में रखा था, जो तुमसे कहीं ज्यादा दूरदर्शी थे।”
ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी धार्मिक युद्ध की धमकी देकर देश को डराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि अगर उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को नहीं रोका तो देश कमजोर हो जाएगा।
“भारत का हिंदू भी जान चुका है कि वक्फ कानून से उसे नौकरी नहीं मिलेगी। मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाकर बीजेपी वोट मांग रही है। दिखाने को कुछ नहीं है। 4.5 फीसदी युवा बेरोजगार हैं और उनके लिए कोई योजना नहीं है।”
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का स्पष्टीकरण: “पार्टी का इन बयानों से कोई लेना-देना नहीं”
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट जारी करते हुए कहा कि निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा दिए गए बयानों से भारतीय जनता पार्टी का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया:

“यह इनके व्यक्तिगत विचार हैं। पार्टी ऐसे किसी भी बयान का समर्थन नहीं करती और उन्हें सिरे से खारिज करती है।”
नड्डा ने आगे कहा कि बीजेपी हमेशा न्यायपालिका का सम्मान करती आई है और सुप्रीम कोर्ट सहित सभी न्यायालयों को लोकतंत्र का आधार मानती है। उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं को भविष्य में ऐसे बयान न देने की हिदायत भी दी।