जयपुर, राजस्थान: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों को अब एक नई और अत्याधुनिक वर्दी मिलने जा रही है, जो न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में कैमोफ्लाज की दृष्टि से भी अधिक प्रभावी होगी। इस नई वर्दी का निर्माण भारतीय मौसम, खासकर गर्म और आर्द्र जलवायु को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
रंग संयोजन: दुश्मन की नजरों से बचाएगी
नई वर्दी का रंग संयोजन विशिष्ट रूप से तैयार किया गया है:
- 50% खाकी
- 45% हरा
- 5% भूरा

यह रंग समायोजन खासतौर पर राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, असम और अन्य सीमाई इलाकों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल है, जहां बीएसएफ तैनात रहती है। इसका उद्देश्य जवानों को बेहतर कैमोफ्लाज उपलब्ध कराना है ताकि वे दुश्मन की नजरों से सुरक्षित रह सकें।
कपड़े की गुणवत्ता: अधिक आरामदायक और टिकाऊ
राजस्थान फ्रंटियर के महानिरीक्षक एम. एल. गर्ग ने जानकारी दी कि पहले बीएसएफ की वर्दी में 50% कॉटन और 50% पॉलिस्टर का मिश्रण होता था। नई वर्दी में अब
- 80% कॉटन
- 19% पॉलिस्टर
- 1% स्पैंडेक्स
का उपयोग किया गया है। इससे वर्दी अधिक लचीली, हल्की और गर्म वातावरण के अनुकूल हो गई है। कॉटन की उच्च मात्रा से त्वचा को अधिक आराम मिलता है, जबकि स्पैंडेक्स इसे फुर्तीला और स्ट्रेचेबल बनाता है।
डिजिटल प्रिंटिंग तकनीक से बनी आकर्षक वर्दी
वर्दी पर डिजिटल प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसके रंग और पैटर्न अधिक टिकाऊ बनते हैं और धोने के बाद भी लंबे समय तक साफ व चमकदार रहते हैं।

बीएसएफ के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार, “नई वर्दी अगले एक वर्ष में पूरे बल में लागू कर दी जाएगी। यह जवानों को गर्मी, धूल और उमस जैसे मौसम में भी आत्मविश्वास और आराम प्रदान करेगी।’’
सुरक्षा के साथ-साथ मनोबल में भी वृद्धि
नई वर्दी केवल तकनीकी दृष्टि से ही नहीं बल्कि मानसिक स्तर पर भी जवानों के आत्मबल को बढ़ाएगी। अत्याधुनिक डिज़ाइन और आरामदायक फिटिंग जवानों को ऑपरेशन के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगी।