बिरला बालिका विद्यापीठ, पिलानी में विद्यालय के विज्ञान विभाग द्वारा कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं के लिए महिला वैज्ञानिकों के साथ एक संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया।
सत्र की प्रमुख वक्ता डॉ. सुदेशना एम चौधरी (एसोसिएट प्रोफेसर, जैविक विज्ञान विभाग, बिट्स पिलानी), डॉ. मेघना तारे (एसोसिएट प्रोफेसर, जैविक विज्ञान विभाग बिट्स पिलानी) और डॉ. भावना बिस्सा राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग की सहायक प्रोफेसर थीं।
डॉ. मेघना तारे ने कैरियर यात्रा पर चर्चा करते हुए बताया कि संघर्षों से कभी घबराना नहीं चाहिए तथा अपनी इच्छा शक्ति को प्रबल रखते हुए सभी बाधाओं को पार करना आना चाहिए। डॉ. सुदेशना एम चौधरी ने विज्ञान आनुवंशिकी के महत्वपूर्ण विषय के बारे में बताया उन्होंने शिक्षा की कोई सीमा नहीं होती विषय पर चर्चा करते हुए चेतन और अवचेतन मन के सिद्धांत पर प्रकाश डाला। डॉ. भावना बिस्सा ने जीवन के मार्ग में आने वाली बाधाओं तथा व्यवधानों के बारे में चर्चा करते हुए समाज की कट्टरवादिता के बावजूद अपने जुनून का पालन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए छात्राओं को प्रोत्साहित किया। अतिथियों ने छात्राओं के साथ सारगर्भित चर्चा करते हुए उनकी शंकाओं का भी समाधान किया।

सत्र के समापन पर विद्यालय की प्राचार्या डॉ. एम कस्तूरी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कुछ हासिल करने के लिए व्यक्ति को संघर्षशील होना पड़ता है क्योंकि दृढ़ इच्छाशक्ति से ही सफलता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सत्र छात्राओं की सफल भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
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