झुंझुनू जिले के बिजली कर्मचारी निजीकरण और सीपीएफ कटौती के खिलाफ आज काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि जिले के सभी बिजली कर्मचारी कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांधकर अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे।
मांगें नहीं मानी तो होगा व्यापक प्रदर्शन
संयुक्त संघर्ष समिति के अनुसार, कर्मचारी निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल बंद करने और सीपीएफ कटौती की जगह जीपीएफ कटौती को लागू करने की मांग कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो 16 दिसंबर को अजमेर मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।
कार्यालयों में दिखेगा विरोध का असर
आज जिले के सभी बिजली कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन का असर दिखाई देगा। कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर रहते हुए काली पट्टी पहनकर काम करेंगे। इससे सरकार तक उनकी मांगों का संदेश पहुंचेगा।
संघर्ष समिति की चेतावनी
संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो यह प्रदर्शन और उग्र होगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है, और जरूरत पड़ने पर राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
आंदोलन का उद्देश्य
इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य बिजली विभाग के निजीकरण को रोकना और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना (जीपीएफ) को फिर से शुरू कराना है। कर्मचारियों का कहना है कि निजीकरण से न केवल उनकी नौकरी प्रभावित होगी, बल्कि उपभोक्ताओं पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
सरकार की ओर से अभी तक कर्मचारियों की मांगों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। प्रदर्शन के बाद प्रशासन की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हैं।
निष्कर्ष:
बिजली कर्मचारियों का यह आंदोलन राज्यभर में तेजी से बढ़ सकता है। यदि उनकी मांगें समय पर पूरी नहीं हुईं, तो 16 दिसंबर का प्रदर्शन एक बड़ा आंदोलन बन सकता है।