चिड़ावा, 8 दिसंबर 2024: जन-जन की आस्था के प्रतीक और बिड़ला के वरदाता परमहंस पंडित गणेशनारायण बावलिया बाबा के निर्वाणोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाली 13वीं दिव्य संदेश यात्रा 18 दिसंबर से शुरू होगी। इस यात्रा का आयोजन भगवत जन कल्याण मिशन द्वारा किया जा रहा है।
पूजन-आरती से होगी यात्रा की शुरुआत
आयोजन समिति के अभय सिंह बड़ेसरा और मुकेश जलिंद्रा ने बताया कि यह यात्रा सुबह 10:15 बजे चिड़ावा के कॉलेज रोड स्थित सनातन आश्रम पोद्दार पार्क परमहंस पीठ से पूजन-आरती के साथ आरंभ होगी। यात्रा के दौरान बाबा के कृपा शिष्य, विश्व सनातन धर्म संघ के राष्ट्रीय संयोजक प्रभुशरण तिवाड़ी के सानिध्य में बाबा के जीवन और चमत्कारों पर प्रकाश डाला जाएगा।
यात्रा पड़ावों पर बाबा के दिव्य स्वरूप की आरती, मंगल पाठ और प्रसाद वितरण के कार्यक्रम आयोजित होंगे। बाबा की जीवन गाथा, भजन और साहित्य के माध्यम से उनके संदेश जन-जन तक पहुंचाए जाएंगे।
यात्रा मार्ग और पड़ावों की जानकारी
- 18 दिसंबर: यात्रा सनातन आश्रम से रवाना होकर खेमू की ढाणी, झांझोत, खुडोत, गिड़ानिया होते हुए सुलताना में रात्रि विश्राम करेगी।
- 19 दिसंबर: यात्रा केहरपुरा, मालुपुरा, चिंचडोली, छोटा भड़ौंदा, बड़ा भड़ौंदा पहुंचकर वृंदावन में विश्राम करेगी।
- 20 दिसंबर: महरमपुर, सोलाना, गोवला, चनाना, भाटीवाड़ होकर केड में रात्रि विश्राम होगा।
- 21 दिसंबर: यात्रा छावसरी, टिटनवाड़, गुढ़ा, भोड़की, जाखल होते हुए बुगाला पहुंचेगी, जहां बाबा की जन्मस्थली पर रात्रि विश्राम होगा।
- 22 दिसंबर: यात्रा मणास, कुमास, डोगरा होते हुए नवलगढ़ पहुंचेगी।
- 23 दिसंबर: डूंडलोद, मुकुंदगढ़ मंडी, मुकुंदगढ़ शहर से चूड़ी अजीतगढ़ में विश्राम होगा।
- 24 दिसंबर: यात्रा नूआ, झुंझुनूं, बगड़ होते हुए चिड़ावा में समाप्त होगी।
आयोजन समिति की भूमिका
यात्रा आयोजन समिति के धर्मपाल मिठारवाल, विक्रम जांगिड़, ओमप्रकाश मनहर, गणेश हलवाई, सांवरमल मील, सुनील हलवाई, सुरेंद्र सैनी, आलोक भगेरिया, सुमेर सिंह कुमावत और लक्ष्मीचंद कुमावत समेत कई सदस्य यात्रा की तैयारियों में जुटे हैं।
समाज के लिए संदेश
इस आयोजन का उद्देश्य बाबा के संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना और उनके जीवन से प्रेरणा लेना है। यात्रा के दौरान धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण में हजारों लोग शामिल होंगे।
बावलिया बाबा की दिव्य संदेश यात्रा न केवल उनके जीवन का गुणगान करेगी, बल्कि समाज में सद्भाव और भक्ति का संदेश भी फैलाएगी।