सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक लड़की को बंधक बनाया गया दिखाया गया है। वीडियो में लड़की के हाथ-पैर बंधे हुए हैं और उसके मुंह पर टेप चिपका हुआ है। इस वीडियो को बांग्लादेश के हिंदू लड़कियों पर मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा किए गए अत्याचार का सबूत बताया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के साथ कई दावे किए जा रहे हैं:
- एक यूजर ने लिखा है, “बांग्लादेश में जिहादियों के चंगुल में घिरी एक बेबस हिंदू लड़की, कोई मदद को आगे नहीं बढ़ रहा है। कुछ देर बाद वहशी भेड़िए इसे अपने हवस का शिकार बना कर मार डालेंगे।”
- एक अन्य यूजर ने कहा, “यह बच्ची बांग्लादेश की हिंदू बताई गई है। चरमपंथियों ने इसे अपहरण कर हाथ-पैर बांध दिए और मुंह पर टेप चिपका दिया।”
- वगिशा पांडे नाम की यूजर ने लिखा, “बांग्लादेश में हिंदू लड़कियों के साथ क्या हो रहा है। हाथ-पैर बांध कर मुँह पर टेप लगाकर उससे जबरदस्ती की जा रही है।”
सच्चाई की खोज
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च किया। इसके परिणामस्वरूप हमें एक पोस्ट मिली जो JnU short stories नाम के पेज पर थी। इस पोस्ट के अनुसार, यह वीडियो बांग्लादेश की जगन्नाथ विश्वविद्यालय की एक आर्ट परफॉर्मेंस का है।
पेज के कैप्शन में लिखा है, “आपकी अफवाहों के कारण लड़की आज सदमे से गुजर रही है। लड़की शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में जगन्नाथ विश्वविद्यालय की नियमित छात्रा है। यह वीडियो कुछ दिन पहले अवंतिका की आत्महत्या के विरोध स्वरूप पथ नाटक का दृश्य है! लेकिन कुछ लोगों ने मौजूदा आंदोलन काल का हवाला देकर लड़की को छात्र लीग के नेता के तौर पर पेश करते हुए वीडियो फेसबुक पर शेयर कर दिया, जो तुरंत वायरल हो गया. यह देखकर लड़की सदमे से गुजर रही है। आज अगर लड़की अवंतिका की तरह आत्महत्या कर ले तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सभी लोग लड़की के साथ खड़े हैं, आप जहां भी यह वीडियो देखें, कमेंट में विरोध के साथ रिपोर्ट करें। कृपया इस अफवाह को रोकने के लिए इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें!”
इसके अतिरिक्त, बांग्लादेश की एक न्यूज वेबसाइट पर भी हमें इसी वीडियो से जुड़ी खबर मिली।
खबर के अनुसार, 16 मार्च 2024 को जगन्नाथ विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा फेरूज सदफ अवंतिका ने सुसाइड कर लिया था। अवंतिका की याद में यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने एक आर्ट परफॉर्मेंस आयोजित की थी, और वायरल वीडियो उसी परफॉर्मेंस का है। वेबसाइट पर मौजूद खबर में हमें इस आर्ट परफॉर्मेंस की कई अन्य फोटो भी मिलीं।
विवेचना और निष्कर्ष
वीडियो की जांच के बाद साफ हो गया है कि यह वीडियो बांग्लादेश की हिंदू लड़की पर हुए अत्याचार का नहीं है, बल्कि यह जगन्नाथ विश्वविद्यालय में आयोजित एक आर्ट परफॉर्मेंस का है। सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वाले दावों को देखते हुए, यह स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे पूरी तरह गलत हैं।