ढाका, बांग्लादेश: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े (1 से 15 अप्रैल) के बीच अगले आम चुनाव की घोषणा कर दी है। यह घोषणा ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर की गई, जिससे लंबे समय से जारी राजनीतिक अनिश्चितता और अटकलों पर विराम लग गया है।
तीन स्तंभ: सुधार, न्याय और चुनाव
मुहम्मद यूनुस ने कहा,
“अंतरिम सरकार ने जिन तीन मूल उद्देश्यों—सुधार, न्याय और चुनाव—को लेकर पदभार संभाला था, अब उनका क्रियान्वयन निर्णायक चरण में है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जल्द ही चुनाव आयोग एक विस्तृत रोडमैप जारी करेगा, जो पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करेगा।

राजनीतिक दलों से व्यापक परामर्श
मुख्य सलाहकार ने बताया कि सरकार ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से व्यापक परामर्श किया है ताकि आगामी चुनाव देश के इतिहास में सबसे स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रतिस्पर्धी और व्यापक रूप से स्वीकार्य बन सकें। यूनुस ने कहा कि यह प्रक्रिया उन शहीदों की आत्मा को संतोष देने वाली होनी चाहिए, जिन्होंने बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया।
राजनीतिक विरोध और सहमति की स्थिति
पिछले कुछ महीनों में चुनावी समय-सीमा को लेकर राजनीतिक खींचतान बनी हुई थी।
- BNP (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) और उसके सहयोगी दल चुनाव को दिसंबर 2025 तक कराने की मांग कर रहे थे।
- वहीं नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) चाहती थी कि पहले सुधार प्रक्रिया पूरी हो।
इन दबावों के बीच यूनुस ने संतुलन साधते हुए कहा:
“हमारा लक्ष्य चुनाव से पहले सुधारों को क्रमबद्ध और निष्पक्ष ढंग से लागू करना है, जिससे स्थायित्व और लोकतंत्र दोनों मजबूत हों।”

रिफॉर्म कमीशन का गठन और न्यायिक ढांचा
मुख्य सलाहकार यूनुस ने यह भी बताया कि सरकार ने “रिफॉर्म कमीशन” का गठन कर दिया है, जो राजनीतिक और प्रशासनिक सुधारों के मसौदे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ महीने न्याय और सुधार के ढांचे को अंतिम रूप देने के लिए निर्णायक होंगे।
2024: राजनीतिक संकट और सत्ता परिवर्तन की पृष्ठभूमि
साल 2024 में बांग्लादेश गंभीर राजनीतिक संकट से गुज़रा।
- प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग सरकार के खिलाफ कोटा सिस्टम और भ्रष्टाचार को लेकर देशव्यापी आंदोलन शुरू हुए।
- इसके चलते 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना देश छोड़कर भारत में निर्वासन चली गईं।
- इसके तीन दिन बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया।