चटगांव, बांग्लादेश: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर बढ़ते हमलों के बीच चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में देशभर में हिंदू समाज ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए, लेकिन इन प्रदर्शनों पर कट्टरपंथी समूहों ने हिंसक हमले कर दिए।
हमलों में 50 हिंदू घायल, मौलवी बाजार में मशाल रैली
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में चटगांव समेत कई जिलों में हिंदू समाज सड़कों पर उतर आया। मौलवी बाजार में हजारों लोगों ने ‘जय सिया राम’ और ‘हर हर महादेव’ के नारों के साथ मशाल रैली निकाली। लेकिन प्रदर्शन के दौरान कट्टरपंथी समूहों, जिनमें BNP और जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ता शामिल बताए जा रहे हैं, ने हिंसा की। चटगांव में हुए इन हमलों में 50 हिंदू घायल हो गए।
ढाका में शाहबाग के प्रदर्शन पर हमला, प्रोफेसर समेत कई घायल
ढाका के शाहबाग में शांतिपूर्ण सभा के दौरान हिंदू समुदाय के सदस्यों और चटगांव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कुशाल बरन पर भी हमला किया गया। इन हमलों में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार की प्रतिक्रिया
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इस घटना की निंदा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों की आवाज दबाने का प्रयास है। मैं विदेश मंत्री एस. जयशंकर से आग्रह करता हूं कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें।”
Fighting between colleges have started in US-backed Noble Laureate ruled Bangladesh. Students carrying weapons attacking each other. Many casualties. Chaos at campuses. Situation grim pic.twitter.com/EwQbmKMPBM
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 25, 2024
प्रशासन मूकदर्शक, कार्रवाई का अभाव
हिंसक हमलों के दौरान पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब चरमपंथी समूह प्रदर्शनकारियों पर हमला कर रहे थे, तब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। शाहबाग में हुए हमलों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करते हैं।